
रिपोर्टर बलदेव कक्कड़ मनसा पंजाब
सिविल सर्जन डॉ. अश्वनी कुमार ने मधुमेह की जानलेवा बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि मधुमेह हमारे रोजाना के खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान न देने के कारण होता है। मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकता है। यह रोग बच्चों में भी देखा जाता है और गर्भवती महिलाओं में अस्थायी पाया गया है, जो प्रसव के बाद अपने आप ठीक हो जाता है। हमें इस संबंध में ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीवनशैली में बदलाव के कारण हमें अपनी आदतों में भी बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी का मुख्य कारण मोटापा, संतुलित भोजन की कमी, समय पर या परिवार में भोजन न करना हो सकता है। उन्होंने बताया कि बार-बार पेशाब लगना, भूख-प्यास कम लगना, घाव का देर से भरना या ठीक न होना, हाथ-पैरों का सुन्न होना, पेशाब में बार-बार संक्रमण होना, थकान और शारीरिक कमजोरी आदि मधुमेह के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि अगर शरीर में शुगर का स्तर बढ़ गया है तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे आंखों और किडनी पर बुरा असर पड़ता है। हृदय रोग हो सकता है, पैरों की नसें सुन्न हो सकती हैं, गैंग्रीन भी हो सकता है। सिविल सर्जन ने कहा कि मधुमेह रोगियों को प्रतिदिन तीस मिनट टहलना, व्यायाम, योग या शारीरिक खेलकूद करने की पक्की आदत डालनी चाहिए। डाइट में बदलाव कर हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। खाने में गाजर, मूली, शलजम, करेला आदि शामिल कर सकते हैं। जंक फूड से प्रायश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष की आयु के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क ‘वार्षिक निवारक स्वास्थ्य जांच’ योजना का लाभ उठाएं और समय-समय पर शारीरिक जांच कराते रहें।



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