उत्तराखण्ड

Uttarakhand News नैनीताल 3 महीने से बंद हैड़ाखान मार्ग को खोलने की मांग, 120 गांवों के लोगों का प्रदर्शन

रिपोर्टर कपिल सक्सैना जिला नैनीताल उत्तराखंड

हैड़ाखान सिमलिया मार्ग तीन महीने से बाधित है. इस कारण लोगों को आए दिन परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. गांवों तक रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाना मुश्किल हो गया है. साथ ही जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं मार्ग को दुरुस्त करने और वैकल्पिक मार्ग बनाने को लेकर पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरू के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन किया.

हल्द्वानी:हैड़ाखान सिमलिया मार्ग भारी भूस्खलन के चलते पिछले तीन महीने से बंद होने से लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरू के नेतृत्व में 120 गांवों के जनप्रतिनिधियों ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का घेराव करते हुए बंद मार्ग को खोलने की मांग की. इस दौरान जनप्रतिनिधियों की अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई. पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरू के नेतृत्व में आये प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 120 गांवों को जोड़ने वाला हैड़ाखान मार्ग पिछले तीन महीने से बंद है. सड़क बंद होने के चलते लोगों को कई किमी सफर पैदल तय करना पड़ रहा है. यहां तक कि काठगोदाम से रीठा साहिब को जाने वाली सड़क भी बंद है. जिसके चलते वाहन चालकों को कई किलोमीटर घूमकर रीठा साहिब को जाना पड़ रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अधिकारी मार्ग की सुध नहीं ले रहे हैं, जबकि जनता को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अभी तक अधिकारी कोई वैकल्पिक मार्ग भी तैयार नहीं कर पाए है और जिससे ग्रामीणों को राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है.

टूटाप्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए चेतावनी दी कि अगर जल्द हैड़ाखान मार्ग नहीं खोला गया तो घेराबंदी, तालाबंदी और उग्र आंदोलन किया जाएगा. वहीं लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मनोज पांडे ने बताया कि स्थायी मार्ग खोलना अभी काफी चुनौतीपूर्ण है. लिहाजा वैकल्पिक मार्गों की तैयारी की गई है. वैकल्पिक मार्ग के माध्यम से लोगों को आने जाने के लिए व्यवस्था करने के लिए कार्य चल रहा है. गौरतलब है कि काठगोदाम से 4 किलोमीटर आगे हैड़ाखान मार्ग पर पहाड़ी का एक हिस्सा गिर जाने से पिछले 3 महीने से सड़क बंद है. जिसके चलते कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है. वहीं चंपावत रीठा साहिब जाने वाले लोगों को कई किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर जाना पड़ रहा है. बता दें कि काठगोदाम थाने से दो किलोमीटर आगे हैड़ाखान सड़क पर 14 नवंबर को भूस्खलन में चपेट में आ गया था और लगातार भूस्खलन होने से मार्ग ध्वस्त हो गया.

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