Madhya Pradesh News कोनिया कला ग्राम पंचायत में लाखों के हुए घोटाले पर गठित टीम के जांच की इस्पेक्टर के द्वारा नहीं दी जा रही

रिपोर्टर प्रदीप कुमार मिश्र त्योंथर रीवा मध्यप्रदेश
जानकारी, टीएस करने वाले उपयंत्री और इस्पेक्टर जाँच मे रहें शामिल, जाँच के दौरान गठित टीम के पूर्व सचिव के द्वारा अपनी गाड़ी से ले जाकर कराई जाँच -शिकायत कर्ता लालमणि साहू रीवा /जवा -जैसा कि सभी को ज्ञात होवें कि ग्राम पंचायत कोनीकला में पूर्व सचिव विवेकानंद पाण्डेय के द्वारा ग्राम पंचायत में तालाब सरोवर पीसीसी निर्माण मेड प्रधान वृक्षारोपण सहित अन्य योजनायों कुछ में बिना कार्य कराए और कुछ गुणवत्ता विहीन कार्य करा कर लाखों की राशि का भ्रष्टाचार किया गया है ऐसा शिकायतकर्ता लालमणि साहू ने जवा जनपद जिला पंचायत कलेक्टर रीवा और पंचायत विभाग भोपाल को आवेदन देकर आरोप लगाया है जिसकी कई बार जांच टीम गठित की गई लेकिन आज तक सही जांच नहीं हो पाई क्योंकि उक्त सचिव की ऊंची पकड़ और जवां जनपद के जवासिया एस के मिश्रा सहित उपयंत्री विमल कांत गौरव गौतम और स्पेक्टर इंद्र मोहन मिश्रा के सर पर हर बार जांच को प्रभावित किया जा रहा है और जांच हर बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है यदि सूत्रों की मानें तो पूर्व में भी स्पेक्टर इंद्रमोहन मिश्रा के गठित टीम के द्वारा जांच की गई थी लेकिन गुणवत्ता विहीन कार्य और मौका इस पार्ट पर का कार्य सही नहीं पाए जाने के बावजूद भी सचिव विवेकानंद पांडे को क्लीन चिट दी गई थी जिसका विरोध शिकायतकर्ता के द्वारा किया गया और पुनः जांच की मांग की गई और जांच टीम गठित हुई लेकिन इस बार शिकायतकर्ता को बिना बताए ही जांच की गई जब शिकायतकर्ता को पता चला कि जांच हो गई तो जांच रिपोर्ट लेने जवा सी ई ओ एस के मिश्रा के पास गए तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए इस्पेक्टर इंद्रमोहन मिश्र के पास भेज दिए ज़ब इस्पेक्टर इंद्रमोहन मिश्रा से जाँच रिपोर्ट मांगी गयी तो उन्होंने शिकायतकर्ता को धमकाते हुए आर टी आई के माध्यम से रिपोर्ट लेने की बात की गयी जिससे साबित होता है कहीं न कहीं भ्रष्टाचारियो को बचाने की कोशिस की जा रही है तथा शिकायत कर्ता लगातार जवा जनपद से लेकर जिला पंचायत और कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहा है लेकिन न ही सही जाँच हो रही है न कि जाँच रिपोर्ट मिल रही है जिसकी आजभी दूसरे जिले के उच्च अधिकारियो से बिना सचिव इस्पेक्टर उपयंत्री और जवा सी ई ओ के जानकारी से कराई जाय तो दूध का दूध पानी का पानी हो सकता है अब शिकायत कर्ता को नए जिला सी ई ओ से मिलने के बाद उम्मीद जगी है कि सही जाँच हो सकती है वहीं शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया कि मुझे जानकारी दिए वगैर पूर्व सचिव के द्वारा अपनी गाड़ी से ले जाकर जाँच कराई गयी और पुनः लाकर गठित टीम को जवा छोड़ा गया तो कैसे निष्पक्ष जाँच हो सकती है