रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर छत्तीसगढ़
खोरसी गोठा में जय मां संतोषी स्व सहायता समूह द्वारा सब्जी बाड़ी की गतिविधि संचालित की जा रही है इस गतिविधियों से जुड़कर समूह की महिलाएं गांव में पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध करा रही हैं और इससे उन्हें आमदनी भी हो रही है समूह की महिलाओं ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी से गांव में ही समूह को रोजगार मिलने लगा है।
जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विकासखंड के अंतर्गत खोरसी गोठा नमें स्व सहायता समूह द्वारा सब्जी भाजी की खेती की जा रही है 3 एकड़ जमीन में बैगन भिंडी बरबटी की फसल की खेती की जा रही है इस समूह की अध्यक्ष श्रीमती विमला चौहान बताती है कि समूह की महिलाओं के पास विशेष कोई कामकाज नहीं था घर के कामकाज करने के बाद अधिकांश समय यूं ही बीत जाता था ऐसे में स्व सहायता समूह गठन होने के बाद और गांव में गठान निर्माण के बाद तो जैसे जिंदगी परिवर्तन आ गया है ऐसे में एन आर एल चक्रीय निधि से 15000 एवं सामुदायिक निवेश निधि से 7000 के साथ बैंक की लिखित के माध्यम से डेढ़ लाख रुपए की राशि प्राप्त होने के बाद सोने पर सुहागा हो गया है आर्थिक सहायता मिलने से समूह के दौरान जमीन पर सब्जियां उगाना शुरू कर दिया है धीरे-धीरे समूह की महिलाएं की मेहनत रंग लाने लगी है गठान की शुरुआत में साफ सब्जियां को गांव में भेज देते थे समय के साथ दूसरे गांव के लोगों को भी पता चला कि जो थानों में सब्जियां का उत्पादन किया जाएगा और भैया सब्जियां जैविक खाद डालकर जा रही है तो लोगों को लगा कि बाहर की रासायनिक वाली सब्जियों को लाने से अच्छा है कि गांव की पौष्टिक सब्जियां लगाई जाए और खाली जाट समूह की महिलाओं को कारोबार बढ़ता चला गया और ऐसा 1 दिन आया कि जब गांव में रहते हुए ही समूह की महिलाओं को आमदनी होने लगी समूह की अध्यक्ष बताती हैं कि गोदाम से जुड़ने के बाद सब्जी उत्पादन से उनके कार्य को सराहा गया सब्जी का कार्य अब तक ₹50000 खर्च करते हुए स्थानीय बाजार में सब्जियों को बेचकर ₹125000 की प्रतिवर्ष आमदनी प्राप्त कर ली जाती है घर से निकलकर कारोबार कर रही महिलाओं की आर्थिक स्थिति थी सुदृढ़ और मजबूत हुई है इससे वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं,।