Bhopalस्वास्थ्य

पहली बार फाइब्रो स्कैन मशीन से हुई लीवर की जांच स्वस्थ यकृत मिशन अंतर्गत मरीजों का हुआ परीक्षण

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश

भोपाल स्थित जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में पहली बार फाइब्रो स्कैन मशीन की सहायता से फैटी लीवर डिजीज की जांच की गई। यह जांच स्वस्थ यकृत मिशन के अंतर्गत की गई, जिसके लिए मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा संभावित मरीजों का पूर्व में चिह्नांकन किया गया था। इस जांच में कुल 200 लोगों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 147 में फैटी लीवर और 28 में लीवर फाइब्रोसिस पाया गया। मरीजों को उपचार के साथ-साथ लीवर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन, शराब एवं धूम्रपान से दूर रहने, तथा नियमित फॉलो-अप की सलाह दी गई है।फाइब्रो स्कैन मशीन में ट्रांजिएंट लीवर इलास्टोग्राफी तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह एक नॉन-इनवेसिव जांच तकनीक है, जिससे फैटी लीवर और लीवर फाइब्रोसिस जैसी स्थितियों का सटीक आकलन किया जा सकता है, और परिणाम स्कोर के रूप में प्राप्त होते हैं। स्वस्थ यकृत मिशन की शुरुआत इस वर्ष जून माह में भोपाल सहित पूरे प्रदेश में की गई थी। इसका उद्देश्य लीवर संबंधी बीमारियों की जागरूकता, प्रारंभिक पहचान, उपचार और रोकथाम सुनिश्चित करना है। मिशन के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की सामुदायिक स्क्रीनिंग की गई थी। स्क्रीनिंग में बीएमआई 23 से अधिक होने, महिलाओं में कमर का माप 80 सेमी और पुरुषों में 90 सेमी से अधिक होने, तथा मधुमेह का इतिहास होने के आधार पर संदिग्ध मामलों की पहचान की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि लीवर में फैटी लिवर, लीवर फाइब्रोसिस, हेपेटाइटिस, सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। ट्रांजिएंट इलास्टोग्राफी स्कैन के माध्यम से लीवर फाइब्रोसिस की स्थिति का सटीक मूल्यांकन किया जा सकता है। यह जांच चिकित्सकीय परामर्श पर FIB-4 स्कोर की गणना के अनुसार की जाती है, जो प्लेटलेट काउंट, SGOT (AST) और SGPT (ALT) रिपोर्ट पर आधारित होती है।

 

Bhopal Madhya Pradesh News @ Reporter Devendra Kumar Jain

Indian Crime News

Related Articles

Back to top button