Uttar Pradesh News सरकार के गड्ढा मुक्त मार्ग की मुहिम के बावजूद भी पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं बदल पा रहा मार्गों की सूरत*

रिपोर्टर मंदीप कुमार रायबरेली उत्तर प्रदेश
रायबरेली। लालगंज जैसा कि आप सभी जानते हैं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गड्ढा युक्त क्षतिग्रस्त जर्जर मार्गो को लेकर सख्त रूख अपनाए हुए हैं मार्ग मरम्मत को लेकर लगातार पीडब्ल्यूडी विभाग को गड्ढा मुक्त एवं नवीनीकरण हेतु समयबद्ध करते जा रहे हैं जिसमें सर्वप्रथम 30 सितंबर तक का समय पीडब्ल्यूडी को दिया था जिसके बाद भी मार्गों की हालत में बदलाव नजर नहीं आ रहा था इसके बाद पुनः सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गड्ढा मुक्त मार्ग सुधार एवं नवीनीकरण करने हेतु पीडब्ल्यूडी विभाग को 30 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित समय समाप्त होने के बावजूद भी 40% मार्गो की हालत में जरा सभी बदलाव नजर नहीं आ रहा ग्रामीण इलाकों की सड़के दिन-ब-दिन बद से बत्तर होती जा रही हैं रायबरेली जनपद में आज भी विकासशील क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लगभग एक सैकड़ा मार्ग क्षतिग्रस्त जर्जर व गड्ढा युक्त जस का तस पड़े हुए हैं जो कि आए दिन राह चालकों के लिए जोखिम भरा साबित हो रहे हैं जिसमें आए दिन राह चालक सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं जिसकी खबरें भी आए दिन प्रकाशित होती रहती है फिर भी जिम्मेदार उन मार्गों पर गौरतलब करना जरूरी नहीं समझते ऐसा ही दुर्घटना जनक मार्ग रायबरेली जनपद के लालगंज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बैरुआ गांव का मुख्य संपर्क मार्ग है जोकि ग्रामीणों को बाजारों से तथा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को विद्यालयों से एवं चौराहों से जोड़ने वाला यही एक मुख्य मार्ग है जिसकी ना तो कभी कोई मरम्मत हुई और ना ही कभी नवीनीकरण हुआ 15 वर्षों से अधिक पुराना बताया जा रहा है बैरुआ गांव में प्रवेश होने का मुख्य मार्ग है जो की पीडब्ल्यूडी विभाग से निर्माणाधीन था किंतु उसे मार्ग की आज भी हालत बाद से बत्तर है बारिश के दिनों में राह चालकों के साथ-साथ विद्यालय जाने वाले छात्र आए दिन गड्ढा युक्त छटग्रस्त मार्ग का शिकार होते हैं फिर भी इस मार्ग की कभी ना कोई मरम्मत और ना ही कोई नवीनीकरण हुआ सरेनी क्षेत्र में ऐसे विभिन्न मार्ग हैं जैसे कि गौतमाही संपर्क मार्ग ,पूरे पांडेय से सरेनी संपर्क मार्ग बेनी माधवगंज से गोपाली खेड़ा मार्ग जो कि लगभग 1 किलोमीटर तक जर्जर है, सरेनी चौराहा से धूरेमऊ संपर्क मार्ग, रौतापुर से छिवलहा सम्पर्क मार्ग जिसमें वाहन तो दूर राह चालकों का पैदल चलना भी दुश्वार है ऐसे विभिन्न मार्ग जो की पूरी तरह से जर्जर वह छटग्रस्त है फिर भी पीडब्ल्यूडी विभाग इन मार्गों की मरम्मत एवं नवीनीकरण करना जरूरी नहीं समझता इससे साफ स्पष्ट होता है कि सरकार द्वारा निर्धारित किए गए समय को पीडब्ल्यूडी विभाग किस तरह से नजर अंदाज कर रहा है या आप स्वयं ही समझ गए होंगे सरकार की दिशा निर्देशों को पीडब्ल्यूडी विभाग सिर्फ कागजों तक ही रखता है सीमित शायद यही वजह रही कि खूबसूरत होने वाली सड़कें अभी तक बदसूरत पड़ी है राह चालकों एवं ग्रामीणों की आस माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशों पर रहती है टिकी जिसकी वजह है कि कहीं ना कहीं लोगों के दिलों में यह बात घर कर रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मार्ग की हालात बदलेंगे जरूर मार्ग समस्या को चुनावी रानीत नहीं बल्कि लोगों की समस्या के रूप में सुलझाएंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किंतु जिस तरह पीडब्ल्यूडी विभाग सरकार के द्वारा निर्धारित समय को नजर अंदाज कर बना रहा हवा हवाई इससे लोगों को लगता है कि पीडब्ल्यूडी की ऐसी लापरवाही के चलते कभी भी मार्गों की नहीं बदल सकेगी सूरत लोगों की आशा निराशा में तब्दील होने लगी है सूत्रों का यह भी मानना है कि लोगों की यही निराशा आगामी चुनाव में बीजेपी के लिए नकारात्मक साबित हो सकती है क्योंकि पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही से कहीं ना कहीं लोगों के दिलों में यह बात भी घर करने लगी है कि गड्ढा मुक्त की महिम में जिस तरह लापरवाही बढ़ती जा रही है और लापरवाही के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही का कोई भी तत्व सामने नहीं आ रहा है लोगों को लुभाने के लिए गड्ढा मुक्त की मुहिम में विलंब राजनीतिक षड्यंत्र भी हो सकता है।




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