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Chhattisgarh News धारा 498 का प्रकरण सोच समझकर दर्ज कराएं महिलाएं।

  रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर छत्तीसगढ़

25 मई सन 23 को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 176 भी और जिला स्तर की छठवीं जन सुनवाई हुई जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित आज की जनसुनवाई में 40 प्रकरणों पर सुनवाई की गई आज आयोजित जनसुनवाई में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि महिलाएं ढोंगी साधु के प्रभाव में आकर अपना घर और भविष्य बर्बाद ना करें राज्य महिला की अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा 26 मई को भी 40 प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में विपक्ष ने बताया कि चंडी पाठ चांदी पहाड़ गौशाला के साधु के खिलाफ आवेदकों ने धारा 376 की रिपोर्ट दर्ज कराई इस साधु की वजह से उन्हें पक्ष के बीच मनमुटाव हुआ था और सखी सेंटर की पहल से एफ आई आर दर्ज हुई थी तथा सखी सेंटर की काउंसलिंग की वजह से समझौता के साथ साथ रहने के तैयार हुए दोनों ने स्वीकार किया कि एक दूसरे के विरुद्ध लगाए कोई शिकायत नहीं है अतः प्रकरण नस्ती वध किया गया सखी वन सेंटर को 376 के प्रकरणों की जानकारी लेकर आयोग को जानकारी देने को कहा।
एक प्रकरण में आवेदक का नहीं बताया कि उसने पिछले वर्ष शिकायत दर्ज कराई थी 27 सितंबर 22 को अन आवेदक और परिवार के विरुद्ध धारा 498a का रिपोर्ट दर्ज करा दिया गया जिस पर दोनों पक्षों को समझाइश दिया गया कि एकमुश्त भरण-पोषण राशि के एवज में आपकी राजीनामा के बाद तलाक पर दोनों पक्ष आवश्यकतानुसार सखी सेंटर केंद्र प्रशासक जानवी की मदद ले रहे हैं क्योंकि पुलिस थाना में एफ आई आर दर्ज हो चुकी है

अतः प्रकरण आयोग में सुनवाई किया जाना संभव नहीं होगा योग्य नहीं होने के कारण प्रकृति बंद किया गया। एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों पक्ष के बीच सुलहनामा हो चुका है दोनों जनवरी 22 से एक साथ रह रहे हैं समझौते नानी के आधार पर प्रकरण नस्ती वध किया गया। एक अन्य प्रकरण में विपक्षी उपस्थित आ वेदिका ने बताया कि उसके पति की मृत्यु के बाद नावेद अगर ने उसे घर से निकाल दिया है ग्राम तरौद में उसके पति का होलसेल किराना का दुकान है उसके दो बच्चे हैं और ना ही भरण-पोषण के लिए कोई राशि नहीं दिया है आ वेदिका के पति के होलसेल किराना दुकान ग्राम क्रोध में है जिसमें महीने की 25 से 30 लाख रुपए की बिक्री होती है लगभग 4 एकड़ जमीन 5000000 का मकान इसके बावजूद भी आ वेदिका को अन आवेदक गणों द्वारा कोई भी राशि नहीं दिया जा रहा है अभी दिखाने दो बच्चे और 13 और 11 वर्ष के बच्चे हैं जो पिछले 10 साल से अधिक का दोनों बच्चों के साथ अकेले भरण पोषण कर रही है अन आवेदक गंड ने बताया कि आज डीका के पति के पहली पत्नी की एक बेटी है जो वर्तमान में 19 वर्ष की है जिसकी पालन पोषण आवेदक गढ़ कर रहे हैं खेती की जमीन पर आईडी का के मृत पति के स्थान पर आ वेदिका का नाम चढ़ा दिया गया है दुकान पर आना वेदक अकेले काम कर रहा है और आगे दिका के प्रति जीवन काल में काम करते थे उसके मृत्यु पश्चात आ वेदिका और उसके बच्चे के नाम की दुकान में नहीं लिया गया है और ना ही हिस्सा नहीं दिया है विपक्ष को विस्तार से आयोग की ओर से रिपोर्ट देने के लिए एक कमेटी बनाया गया है जिसमें सदस्य अर्चना उपाध्याय आयोग के वकील श्री अखिलेश कुमार और केंद्र प्रशासक एच निशा खान तीनों आज ही शाम को उधर पक्ष के साथ ग्राम क्रोध में जाकर स्थल निरीक्षण कर किराना दुकान और घर मकान की फोटो लेकर तथा आ वेदिका की अलमारी का अवलोकन कर उपस्थित होंगे रिपोर्ट आयोग के सुनवाई के दौरान प्रस्तुत करेंगे पक्ष के साथ जांजगीर पुलिस महिला प्रधान आरक्षक मंजू सिंह कमेटी के साथ जाएंगी, आवेदकों ने बताया कि नरसिंह में प्रवेश के समय अन आवेदक पक्ष द्वारा यह कहा गया कि बैंक से लोन करा दिया जाएगा लेकिन 1 वर्ष बाद अपने बात से मुकर गए आवेदक का नहीं 2016 से नरसिंह पार कर चुकी है और आज तक मार्कशीट और दस्तावेज नहीं दिए जाने के कारण काम करने में असमर्थ है फिर भी वह एकमुश्त 50,000 राशि देने को तैयार है अन आवेदक पक्ष को निर्देशित किया गया कि वह आ वेदिका के मार्कशीट तथा सभी दस्तावेज लेकर 2 जून 23 को रायगढ़ जनसुनवाई में उपस्थित होंगे,।

एक अन्य प्रकरण में आ वेदिका का अन आवेदक से एक बेटा है जिसकी उम्र लगभग 7 वर्ष है जांजगीर जिले के कारण अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के पद पर है जिसका और मासिक वेतन 40,000 है उसके द्वारा लगातार आयोग के समक्ष झूठे कथन दिए गए थे उसे आवेदकों द्वारा झूठा फंसाया जा रहा है लेकिन पूछताछ के दौरान यह पाया गया कि आवेदकों के बच्चे की डिलीवरी अकलतरा स्वास्थ्य विभाग में अन आवेदक नहीं करवाया था और आदि का दौरा बच्चे के जन्म के पूर्व धारा 376 की एफ आई आर थाना अकलतरा में दर्ज कराया गया है इसके बाद अन आवेदक ने आवेदकों को फिर बहला-फुसलाकर समझौता करने को कहा और अपने साथ रखने को ले गया था और अदालत में बयान बदलवा कर समझौता करवा दिया था उसके बाद अस्पताल में बच्चे का जन्म कराया गया था उसके बाद आ वेदिका के साथ रहना बंद कर दिया और फिर तीसरी औरत लाया और उसे भी छोड़ दिया है आवेदकों ने यह भी बताया कि उसने अपने सर्विस बुक में आ वेदिका के बच्चों के नाम नहीं चढ़ाया है और अपने बहन का नाम चढ़ आया है इस स्तर पर आ वेदिका ने कहा कि अन आवेदक साक्षी अभिलेख में आ वेदिका के बेटे का नाम बेटे के रूप में दर्ज कराई जाए अन आवेदक के वेतन से प्रतिमा 1 बटा 4 भाग अवधि का के पुत्र को सीधा बैंक के खाते में दिया जाए इस स्तर पर अन आवेदक ने कहा कि उसे वैज्ञानिक प्रमाण के साथ ही स्पष्ट कराना है कि आज दिखा के बेटा उसका बेटा है यह प्रमाणित हो जाने की दशा में वह बेटों को अपने साथ रखेगा और सरकारी रिकॉर्ड में उसका नाम चलाएगा अना वेदिका को इसलिए नहीं रखेगा क्योंकि उससे लड़ाई झगड़ा होता है वह आ वेदिका और उसके बेटे का डीएनए टेस्ट और शासकीय खर्चे आने-जाने का पूरा खर्च वहन करने को तैयार है पैसा व्यवस्था करने में 4 महीने का समय लगेगा तब तक मां अपने बेटे को प्रतिमा भरण पोषण का खर्च देगा तथा डीएनए टेस्ट कराने के लिए रायपुर आने जाने के लिए अभी का पक्ष का समय खर्च स्वयं वहन करेगा आज आयोग में की गई समस्त कार्यों की प्रमाणित प्रति अन आवेदक के विभाग विभाग अध्यक्ष सीएमएचओ जांजगीर को भी भेजा जाएगा और समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित करण की प्रति मांगी जाएगी और उन्हें यह भी सूचित किया जायके अन आवेदक का डीएनए टेस्ट करा कर प्रक्रिया है विभागीय तौर पर प्रारंभ करने की पत्र भी प्रेषित करें जिसमें आना विधिक अधिकार उसके बेटे का नाम भी उल्लेख करें समस्त कार्यवाही की जानकारी एक माह के अंदर प्रस्तुत करें ताकि डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए इस संपूर्ण प्रकरण में दिन-प्रतिदिन की निगरानी के लिए सखी वन सेंटर जांजगीर की केंद्रशासित का को दी जाती है ताकि संपूर्ण कार्यवाही पर शीघ्र कार्यवाही किया जा सके,। एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों के बीच समझौते की गुंजाइश नहीं दिखी और अन आवेदक ने बताया कि कुटुंब न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराई दी गई है अतः इस प्रकरण नस्ती वध किया गया इस प्रकार आयोग के द्वारा आज की सुनवाई में कुल 40 प्रकरण रखे गए थे जिसका निराकरण किया गया।

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