
- बिहार में मुहर्रम को लेकर सख्त सुरक्षा इंतजाम: बिना लाइसेंस नहीं निकलेंगे ताजिया जुलूस, डीजे और भड़काऊ नारों पर रोक
- पटना। बिहार में इस बार मुहर्रम के मौके पर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पूरे राज्य में 13,719 ताजिया जुलूस निकाले जाएंगे, जिनके लिए लाइसेंस अनिवार्य किया गया है। बिना लाइसेंस के जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को एडीजी (कानून-व्यवस्था) पंकज दाराद ने प्रेस वार्ता में बताया कि सभी जुलूसों की पुलिस और दंडाधिकारी की निगरानी में वीडियोग्राफी कराई जाएगी। साथ ही डीजे पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। भड़काऊ नारे, विवादित झंडे या झांकी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- संवेदनशील इलाकों में तगड़ी तैनाती
- पुलिस प्रशासन ने राज्यभर के संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले इलाकों की पहचान कर वहां अतिरिक्त बलों की तैनाती की है। इसमें शामिल हैं:
- बीएसएपी की 50 कंपनियां
- केंद्रीय बल की 7 कंपनियां
- 3000 प्रशिक्षु सिपाही
- 1230 प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर
- 5100 होमगार्ड जवान
- साथ ही सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ताजिया जुलूस के रूट का भौतिक सत्यापन करें और शांति समिति की बैठकें आयोजित करें।
- हर कॉल का जवाब दें अफसर
- एडीजी पंकज दाराद ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी पुलिस पदाधिकारी अपने सरकारी फोन हर समय चालू रखें और हर कॉल का उत्तर दें। किसी भी घटना की जानकारी मिलते ही डीएम, एसपी, एसडीपीओ को तुरंत मौके पर पहुंचने का निर्देश है।
- इंटरनेट मीडिया पर भी सख्ती
- मुहर्रम के दौरान सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए तीन शिफ्ट में डीएसपी स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो फर्जी व भड़काऊ पोस्ट पर नजर रखेंगे। 5 से 7 जुलाई तक 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित रहेगा और हर दो घंटे पर स्थिति की रिपोर्ट भेजी जाएगी।
- पूर्व घटनाओं से सबक
- पिछले वर्षों में औसतन दो दर्जन घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन चंदा वसूली, धार्मिक स्थलों से जुलूस निकालने, भड़काऊ टिप्पणी और नारों जैसी घटनाएं शामिल थीं। इस बार इन सभी बिंदुओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।