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Haryana News आपके विचार इच्छाए, आकांशाए, आचरण जैसे हैं, उन्हीं के अनुरूप आपके चरित्र का गठन होता हैं – विपिन शर्मा।

रिपोर्टर सतीश नारनौल हरियाण
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद्, चण्डीगढ की जिला शाखा नारनौल द्धारा मोनिका गुप्ता उपायुक्त एवं अध्यक्षा, जिला बाल कल्याण परिषद् नारनौल के मार्गदर्शन में आज दिनांक 03-02-2024 को राजकीय ऊच्च विद्यालय, भुषण कला में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें स्कूल के सभी विद्यार्थी एवं अध्यापको को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता योजना के नोडल अधिकारी एवं सेवानिवृत जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन शर्मा ने बताया कि हर घर में जैसा परिवेश होता है, उसी प्रकार के विचार एवं संस्कार बाल जीवन में प्रवर्तित होते है। वास्तव में बाल अवस्था कोरे कागज की तरह होती है। जब बच्चा छोटा होता है,
तभी से उसमें अच्छे संस्कार रूपी पौधा रोपा जाना सम्भव होता है, जिसे समय के साथ और अधिक पुष्पित व पल्लवित किया जा सकता है। ऐसे में प्रत्येक परिवार के हर एक सदस्य का दायित्व है कि बच्चों में भौतिक संसाधनों के स्थान पर अच्छी शिक्षा व संस्कार देने का लक्ष्य तय करें क्योंकि आज के युवा जिस तनाव, अवसाद, गलत संगत, अंधविश्वास और अनुशासनहीनता की गिरफत में है, उसका मूल कारण परिवारों में संस्कारो का अभाव ही है। ऐसे में यदि आरम्भ से बच्चों को सुसंस्कार दिए जाए तो वे न केवल अपना जीवन सुधारेंगे, बल्कि परिवार के इलावा आमजन का भी सम्मान करेंगे। जीवन की स्थाई सफलता का आधार मनुष्य का चरित्र ही हैं। इस आधार के बिना जैसे तैसे सफलता प्राप्त कर भी ली जाएं तो यह अधिक टिकाऊ नही हो सकती। व्यक्ति, परिवार, राष्ट्र की स्थाई समृद्धि और विकास का विघटन होता हैं। चरित्र एक दृढ चटटान हैं, जिस पर खड़ा व्यक्ति अजेय और महान होता हैं। लोकमान्य तिलक ने कहा है कि संसार में सच्चरित्र व्यक्ति ही उन्नति प्राप्त करते हैं। संपूर्ण जीवन कार्य, व्यवहार, विचार, मनोभावों की निर्मलता से ऊॅचा उठता हैं। शुद्धि से ही चरित्र का गठन होता हैं। सेवा, दया, परोपकार, उदारता, त्याग, शिष्टाचार, सद्व्यवहार आदि चरित्र के ही अंग हैं। आपके विचार इच्छाए, आकांशाए, आचरण जैसे हैं, उन्हीं के अनुरूप आपके चरित्र का गठन होता हैं और जैसा आपका चरित्र हैं, वैसी ही आपकी दुनिया बनती हैं। आपका जीवन, आपका संसार, आपके ही चरित्र की देन हैं।
इस अवसर पर भारत भुषण वालिया मुख्य अध्यापक ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलवाया कि वे अपने विद्यालय के बच्चों को प्रतिदिन नैतिक मूल्यों की शिक्षा से अवगत करके जागरूक करते रहेगें।
इस अवसर पर सुरेन्द्र शर्मा तीरन्दाजी कोच बाल भवन नारनौल तथा अन्य सभी स्टाफ मैम्बर सहित सभी स्कूली बच्चें उपस्थित रहें।
संलग्नः- फोटो जिला बाल कल्याण अधिकारी
नारनौल।
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