Chattisgarh News भारत देश में कठोर संविधान लचीला संविधान के नाम से भारत देश को जाना जाता है विडंबना यह है कि

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
भारत देश में राजनीति अपराधी का गढ़ बन गया है क्योंकि भारत देश में राजनीति करने वाले राजनेताओं के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज होते हैं उनके बावजूद भी उन्हें चुनाव लड़ने की मान्यता दे दी जाती है। यह सब चीज के लिए दोषी कौन है इस चीज के लिए दोषी है तो भारत देश का कानून इसके अंतर्गत न्यायालय है क्योंकि हर न्यायालय में किसी न किसी राजनीतिक दल के अभ्यर्थियों का अपराधिक प्रकरण चलते रहता है किसी को सजा सुना दी जाती है तो किसी की प्रकरण को विचाराधीन रखा जाता है उसके बावजूद भी भारत देश में चुनाव लड़ने के लिए उनको पात्र घोषित कर दिया जाता है। भारत देश का सबसे बड़ा हिस्सा होता है निर्वाचन में निर्वाचन आयोग निर्वाचन आयोग को पता रहता है की किसी भी राजनीतिक दल के व्यक्ति के खिलाफ संबंधित थाना क्षेत्र संबंधित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में संबंधित पुलिस मुख्यालय में ऑनलाइन या ऑफलाइन के माध्यम से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज रहती है जिसकी सूचना अखबारों में छपा रहती है सोशल मीडिया में अपराधिक रिकॉर्ड को प्रसारित किया जाता है प्रसारण के पश्चात भी निर्वाचन आयोग के द्वारा राजनीतिक दल के अपराधिक व्यक्ति के नेता को पुनः उसकी नामांकन को स्वीकार कर लेता है और उसकी नामांकन को वैध करार कर चुनाव लड़ने की अनुमति दे देता है।
सबसे पहले आता है कानून व्यवस्था के अंतर्गत पुलिस प्रशासन किसी भी थाने में किसी भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस हेड क्वार्टर में ऑनलाइन ऑफलाइन के माध्यम से किसी भी राजनीतिक दल के अभ्यर्थियों का नाम की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज रहती है जिसकी खबरें प्रसारित हुई रहती है उन खबरों को नजरअंदाज कर निर्वाचन में भाग लेने की अनुमति दे दी जाती है आज की दौर में केवल अपराधी प्रवृत्ति वाले राजनीतिक दल के व्यक्ति केवल रुपया पैसों के बल पर फैसलाको बदल दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ एक सरकारी कर्मचारी किसी भी अपराध के श्रेणी में आ जाता है तो उसे सेवा से पृथक कर दिया जाता है जब उसकी न्यायलिन मुकदमा चलती रहती है न्यायालय में सजा हो जाती है उसके बाद उसे कर्मचारियों को पूर्ण रूप से सेवा से बहिष्कृत कर दिया जाता है राजनेताओं को क्यों नहीं ऐसा किया जाता क्योंकि वह रुपया पैसों के बल पर कोर्ट की फैसले को बदल सकते हैं मगर एक सरकारी कर्मचारियों के सेवा को नजर अंदाज कर उसे सेवा से पृथक कर दिया जाता है यह कानून की व्यवस्था के अंतर्गत तो आता है मगर भारत देश की कानून को बनाने में राजनेता भी रहते हैं बिगड़ने में भी राजनेता रहते हैं इस चीज के लिए दोषी कहलाता है तो साधारण व्यक्ति एक साधारण शासकीय कर्मचारी। कार्यालय जिला निर्वाचन अधिकारी को भी पता रहता है की किसी भी राजनीतिक दल के नेता के खिलाफ में एफआईआर दर्ज रहती है एफआईआर की खबरें सार्वजनिक हो जाती है मगर उसकी नामांकन को क्यों नहीं निरस्त करता जिला निर्वाचन अधिकारी यह विडंबना की कहानी है भारत देश में आने वाले भविष्य में पूर्ण रूप से अपराधिक प्रकरण वाले राजनेताओं का ही राज रहेगा सच्चाई की राजनीति नहीं रहेगी झूठ बोलने वाले राजनेताओं की राज रहेगी। हमारे दबंग केसरी संवाददाता एवं इंडियन क्राइम न्यूज़ एवं हड़कंप न्यूज़ के प्रतिनिधि का कहना यह है कि भारत देश का कानून कठोर संविधान लचीला संविधान है यहां संशोधन कर ली जाती है संशोधन करने के पश्चात राजनीति में राजनेता ही अपराध किए रहते हैं वही व्यक्ति वही राजनेता ही संविधान को बनाते हैं संविधान को बिगाड़तेभी हैं।
वैसे देखा जाए तो राजनेताओं के द्वारा अपराध किया जाता है और उनके खिलाफ जो अभियोग लगाया जाता है वार्ड पत्र लगाया जाता है उसे उसी के ही अधिकारी के द्वारा क्लीन चिट कर दिया जाता है क्योंकि भारत देश में कमीशन खोरी सबसे ज्यादा है।
जैसे कि छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से जो परीक्षाएं आयोजित की जाती है डिप्टी कलेक्टर अनविभागीय अधिकारी राजस्व तट संबंधित राजपत्रित अधिकारी की जो पद होती है उनमें वर्तमान काल में भूपेश बघेल के रिश्तेदार ही लोक सेवा आयोग के अधीन अपात्र व्यक्ति को डिप्टी कलेक्टर अनुभाग्य अधिकारी राजस्व अधिकारी तमाम महत्वपूर्ण पदों पर सृजन कर दिया गया है पात्र व्यक्तियों को सृजन नहीं किया गया है।