Madhya Pradesh News वृद्ध पिता की मौत से दुखी पुत्र ने त्यागे प्राण ।
बड़ी विचित्र विदारक घटना रतलाम जिले के गाँव बांगरोद में घटित हुई । पिता ने वृद्धावस्था के मरणोपरांत पुत्र ने दुखी होकर साथ में त्यागे प्राण ।

रिपोर्टर दौलत राम पाटीदार जिला रतलाम मध्य प्रदेश
विधि के विधान को कोई नहीं टाल सकता जिसका उदाहरण आज ग्राम बांगरोद मे देखने को मिला। गांव के 80 वर्षीय बुजुर्ग मांगीलाल जी पाटीदार चौधरी का रविवार सुबह देहांत हुआ। घर के आंगन से जब उन्हें मुक्तिधाम के लिए ले जाने की तैयारी हो रही थी तभी उनके छोटे पुत्र राधेश्याम पाटीदार को अंतिम दर्शन के लिए लेकर आएं जो पिछले 7-8 माह से कैंसर की बीमारी से ग्रसित थे। जेसे ही पुत्र राधेश्याम ने बिस्तर से उठकर पिता के अंतिम दर्शन किए उन्हे मन ही मन प्रणाम किया ओर वही अपने प्राण त्याग दिए। दोनों की एक साथ में हुई घर से विदाई ओर अंतिम संस्कार । एक ही घर से दोनो अर्थियों की अंतिम यात्रा निकली । प्रातः 7:30 बजे पिता श्री मांगीलाल जी चौधरी पाटीदार ने शरीर छोड़ा व ठिक 3 घंटे बाद सुपुत्र राधेश्याम जी पिता को विदाई के लिऐ उपर मंजिल से नीचे उतर कर पिता के दर्शन कर जेसे उनको वापस उपर ले जा रहे थे उस समय अचानक पितृ विदारक से दुःखी पुत्र ने अपने प्राण त्याग दिये। समय की विडंबना है पिता ओर पुत्र की एक साथ अर्थी का उठना परिवार के लिऐ व हर समाज के लिऐ बड़े ही दुख और दर्द का विषय हैं । गांव वाले के साथ अन्य रिश्तेदारों ने घर पर रहने वाले को बड़ी ही मुश्किल से मुखाग्नि देने के लिए सहयोग दे कर अंतिम संस्कार किया गया। पिता पुत्र का प्रेम ईश्वर का एक संयोग हो सकता हैं, लेकिन जब पिता और पुत्र की अर्थी एक साथ उठी तो यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखे नम हो गई थी। मांगीलाल जी को उनके बड़े पुत्र रमेशचंद्र ने व राधेश्याम जी को उनके पुत्र प्रहलाद ने मुक्तेश्वर मुक्तिधाम बांगरोद मे मुखाग्नि दी। जहां बड़ी संख्या मे उपस्थित ग्रामिण व स्वजन ने दोनो को श्रद्धांजलि अर्पित की। राधेश्याम जी पाटीदार ,भाजपा शबरी मंडल अध्यक्ष राकेश पाटीदार के ससुर थे। परमात्मा उन्हे अपने श्री चरणो स्थान दे फिर मानव बनाकर संसार मे भेजे व उनके अधुरे कामो को पुरा करवाये ।