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Madhya Pradesh News छतरपुर बच्चों को नहीं दिया जा रहा है खेल सामग्री का सामान आखिरकार बच्चे खेले तो खेले कैसे

✍️रिपोर्टर ब्यूरो राजेश जोशी महाराज छतरपुर मध्य प्रदेश

माध्यमिक शाला भियाताल अनियमितताओं के चलते परिसर में गंदगी देखने को मिली परिसर में कुछ असामाजिक तत्व भी पाए गए

विद्यालय में मिलने वाली निशुल्क पुस्तकें भी नहीं दी जा रही है जबकि प्रशासन द्वारा बच्चों को निशुल्क पुस्तक दी जाने वाले आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है

चौंकाने वाली बात तो यह है कि जब पुस्तक भंडार में देखा गया तो पुस्तकों की हालत ऐसी थी जैसे कबाड़ का डिब्बा हो यहां वहां बिखरी हुई दिखाई दी

ग्रामीणों ने कहा विद्यालय का भौतिक परीक्षण के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है अधिकारियों की मिलीभगत से शासन के पैसों को प्रभारी के द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है

साला समिति के अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि खाली चेको पर हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं और मनमाने तरीके से वित्तीय राशि का भ्रष्टाचार किया जाता है

विद्यालय परिसर के अंदर अभद्र पूर्ण तरीके से करते हैं वार्तालाप प्रभारी इस रवैया के कारण ग्रामीणों में नाराजगी दिखाई दी ग्रामीणों को यह रवैया ठीक नहीं लगा ग्रामीणों द्वारा बोला गया की प्रभारी जी अपनी भाषा शैली सुधारें नहीं तो उच्च अधिकारियों तक लिखित कार्रवाई करेंगे

राजनगर बीआरसीसी मौके पर पहुंचे कार्रवाई करने का दिया आश्वासन

शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए मध्यप्रदेश सरकार केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है लेकिन छतरपुर जिले के राजनगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम भियाताल भवानीपुरा में विद्यालय के प्रभारी की मनमानी के चलते अभिभावक ग्रामवासी परेशान है विद्यालय में कहीं खाना नहीं बन रहा है तो कहीं शिक्षा नहीं दी जा रही है इस तरह की तमाम समस्याएं देखने को मिल रही है जिस में देखा गया की विद्यालय में जब अभीभावको ने पूछा की पुस्तक पढ़ते बनती है तो वही अतिथि शिक्षक के द्वारा पुस्तक उठवा कर पढ़ने को कहा तो छठवीं कक्षा की बच्चों द्वारा कहा गया कि हम से नहीं बनती है जब बच्चों से अंग्रेजी की पुस्तक ही पढ़ते- नहीं बनती है तो आखिरकार शिक्षकों द्वारा क्या पढ़ाया जाता है ऐसे में देखा जाए तो प्रशासन द्वारा शिक्षकों को हर माह वेतन दी जाती है परंतु शिक्षकों द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ वही जब बच्चों से पूछा गया आप लोगों को भरपूर भोजन मिलता है तो उन्होंने बताया कि जब बने तब तो मिले आखिरकार इसमें इतनी बड़ी लापरवाही किसके द्वारा की जा रही है और जिम्मेदार कौन है किसका संरक्षण है जो बच्चों को पूर्ण रूप से पोषण आहार मिलना चाहिए आखिरकार उन बच्चों को क्यों नहीं मिल पा रहा है बार-बार शिकायतें होने के बावजूद भी बच्चों को पोषण आहार नहीं दिया जा रहा है जब अभिभावकों ने साला में जाकर के देखा हमारे बच्चों को कैसा पोषण आहार दिया जा रहा है तो वहां पर रसोई की जगह ताला लटका हुआ पाया गया मीनू तो छोड़ दीजिए वहां पर पानी पीने की भी व्यवस्था नहीं थी जब बच्चों से पूछा गया कि आप लोगों ने भोजन कहां किया है तो सभी बच्चों व बच्चों ने स्पष्ट तौर पर बताया कि हम लोग घर से भोजन करके आ रहे हैं छोटे-छोटे बच्चे जो आस लगाए हुए हैं कि हमें विद्यालय में भोजन मिलेगा लेकिन आखिरकार उन्हें भोजन क्यों नहीं मिल पा रहा है इसमें किसकी लापरवाही है जब विद्यालय की प्रभारी श्रीमती विमलेश कंथारिया से जब बात की गई तो उन्होंने बताया किस समूह द्वारा भोजन बनाया जाता है जोकि आज समूह द्वारा नहीं बनवाया गया और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को समूह द्वारा दिया जाने वाला राशन की सामग्री कम पड़ गई थी तो प्रभारी द्वारा कुछ सामग्रियां अपने पैसों से मंगवाई थी वही बच्चों द्वारा बताया गया पोषण आहार गुणवत्ता विहीन था तो वही जनपद सदस्य अवध नरेश यादव मंगल सिंह यादव कपूरी यादव एवं सभी गणमान्य नागरिक मौके पर उपस्थित थे उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात की कि इस विद्यालय में इस तरीके का रवैया नहीं चलेगा अगर अगर बच्चों का पोषण आहार समूह द्वारा सही तरीके से नहीं बनवाया जा रहा है तो समूह को निरस्त करना चाहिए और प्रशासन के उच्च अधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान रखना चाहिए और वही मौके पर जब बीआरसीसी को दूरभाष केंद्र से बात की गई गणमान्य नागरिकों द्वारा तो बीआरसीसी श्री अतुल चतुर्वेदी महोदय 1 घंटे के अंदर विद्यालय में उपस्थित हुए उन्होंने बच्चों की समस्याएं सुनी और तत्काल पंचनामा बीआरसी पन्ना लाल अहिरवार द्वारा बनाया गया वही बच्चों द्वारा बताया गया कि हमें झाड़ू परिसर में सेम लगानी पड़ती है पानी पीने के लिए यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है हम लोगों को नहर का पानी पीने के लिए जाना पड़ता है हम लोग बर्तन भी वही होते हैं और बच्चों को आश्वासन दिया गया कि आप लोगों को जल्द ही पूर्ण रूप से पोषण आहार मिलेगा अब सवाल यह उठ रहा है की जब आज भोजन नहीं बना तो प्रभारी द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई वही संकुल प्रभारी द्वारा क्या निरीक्षण किया जाता है और सीएसी विद्यालय का निरीक्षण करने जाते हैं तो क्या टीप लगाते हैं की खानापूर्ति ही पूरी करते है अगर प्रशासन के उच्च अधिकारी ही लापरवाही करेंगे तो ऐसा रवैया देखने को मिलेगा ही अगर जिम्मेदारी से अधिकारियों द्वारा इस मामले को देखा जाता तो ग्रामीणों को आज पहुंचने की वहां पर आवश्यकता ही नहीं पड़ती इससे पहले भी ग्रामीणों द्वारा शिकायतें की गई परंतु परिणाम जस का तस निकला आखिरकार माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बच्चों एवं बच्चियों को भरपूर पोषण आहार देने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं परंतु अधिकारियों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है आखिरकार कब तक ऐसे समूहों पर कार्रवाई की जाएगी जो बच्चों के हक्का खाने वाले पोषण आहार डकार रहे हैं अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को बार-बार आश्वासन दिया जा रहा है कि अब बच्चों को पूर्ण रूप से पोषण आहार दिया जाएगा

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