Chhattisgarh News केएसके पावर प्लांट के द्वारा शोषण किया जा रहा है क्षेत्र के प्रति।

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर छत्तीसगढ़
जांजगीर चांपा जिले के अकलतरा ब्लाक के अधीन केएसके महानदी पावर प्रोजेक्ट नरियारा के नाम से कंपनी संचालित है जहां क्षेत्रवासियों का शोषण किया जा रहा है एवं कंपनी द्वारा अकलतरा से बिलासपुर मार्ग वाया नरियारा मार्ग को मरम्मत करने का वादा किया था मगर उस रोड का निर्माण कार्य भी नहीं किया जा रहा है सीएसआर मध्य से कार्य जो होता है वह भी नहीं होता क्योंकि बजट बना ली जाती है बजट की राशि डकार दी जाती है इसी तरह से केएसके महानदी पावर प्रोजेक्ट के पास पेयजल व्यवस्था नाम की चीज भी नहीं है क्योंकि यहां राहगीर भटक जाते हैं पानी के लिए पानी की भी व्यवस्था नहीं है यहां पर। कंपनी में 34 बारीडी का छापा पड़ा है मगर छापे से कितनी काली कमाई हुई है कंपनी को यह घोषणा नहीं हुई है अगर घोषणा की जा रही होती है तो ईडी कर्मचारियों को बोला जाता है की घोषणा मत करो बोल कर उन्हें शांत करा दिया जाता है ले देकर कंपनी प्रबंधन द्वारा नरियारा में 330 एकड़ शासकीय जमीन को अधिग्रहण किया है
जिसके एवज में जिसकी जमीन नहीं है उसको नौकरी देने का भी ऐलान किया था उसे नौकरी तो नौकरी क्या उसका नाम भी उस कंपनी में दर्ज नहीं है आवेदन बंगाली जाती है मगर उन आवेदनों पर विचार नहीं की जाती है बाहरी लोगों को छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर बिलासपुर जिले के निवासी रायगढ़ जिले के निवासी को ही प्राथमिकता दिया जा रहा है अकलतरा के ग्राम नरियारा के लोगों की आवेदनों पर कोई विचार नहीं करती है इसी तरह से जनप्रतिनिधि भी उदासीन है कंपनी प्रबंधन द्वारा यह भी कहा था कि कंपनी के जो भी कर्मचारी हैं जमीनी स्तर से लगे हुए कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल कॉलेज की भी व्यवस्था करने की वादा की थी मगर उन वादों से मुकर रही है कंपनी तथा मेडिकल सुविधा बस सुविधा से भी वंचित किया जा रहा है इसी तरह से कंपनी प्रबंधन द्वारा हर वर्ग के लोगों को शोषण किया जा रहा है कंपनी गेट के पास में कंपनी का गेट ही नजर नहीं आ रहा है टूटे-फूटे एंग्लो से अपनी गेट बनाई है कंपनी गेट के पास जो रोड है उन लोगों पर डिवाइडर भी नहीं लगा है उचित पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है कंपनी में हजारों ट्रक की आना जाना लगा रखी है मगर उन ट्रकों का उचित पार्किंग व्यवस्था नहीं है ट्रक को जहां पर कहां खड़ा कर दी जाती है जिससे राहगीरों को परेशानी होती है इसी तरह से क्षेत्रवासियों के प्रति कंपनी घोर उदासीनता की कार्य कर रही है मजदूर हित में कार्य नहीं कर रही है कंपनी कंपनी प्रबंधन द्वारा लंबे समय से शोषण की जा रही है इसी तरह से ना जाने जब सही स्थापना हुई है तब से कंपनी कर्मचारियों के प्रति घोर उदासीनता है।
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