झारखंड में ‘KSS उगाही कांड’ पर सियासी भूचाल: पूर्व DGP पर गंभीर आरोप, हाई-लेवल जांच की मांग तेज

👉 KSS गठजोड़ विवाद: विपक्ष का बड़ा आरोप—पूर्व DGP तक पहुंचा अपराधियों का नेटवर्क
👉कोयलांचल में उगाही का साम्राज्य! नेताओं से लेकर पुलिस अधिकारियों तक जांच की मांग तेज
👉 KSS केस ने बढ़ाई हलचल: हथियार सप्लाई से मुठभेड़ तक, कई अफसरों पर कार्रवाई की मांग
झारखंड में कोयलांचल शांति समिति (KSS) को लेकर गंभीर खुलासों ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आरोप है कि कुख्यात अपराधी अनुराग गुप्ता ने इस संगठन के जरिए कोयला कारोबारियों, ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, डॉक्टरों और स्थानीय बिजनेसमैन से करोड़ों रुपये की उगाही की।
मामले ने सियासी रूप ले लिया है, क्योंकि नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि KSS को पाकिस्तान तक से हथियार सप्लाई किए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व DGP ने अप्रत्यक्ष रूप से इस बड़े आपराधिक नेटवर्क को संचालित किया। मरांडी ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “एक अपराधी के इशारे पर जेल में बंद अमन साहू की कथित मुठभेड़ करवाई गई थी।”
वहीं मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि ACB और CID के महानिदेशक रहते हुए अनुराग गुप्ता ने अपने पसंदीदा पुलिस अधिकारियों—डीएसपी मोहम्मद परवेज आलम, मोहम्मद नेहाल, अनिमेष नाथानी—के साथ मिलकर विरोधियों पर फर्जी FIR दर्ज कराई और सरकारी अधिकारियों से वसूली तक की।
अधिवक्ता राजीव कुमार ने न केवल पूर्व DGP बल्कि कई अन्य अधिकारियों—अमर कुमार पांडेय, गणेश प्रसाद, अनुज महतो, चंदन कुमार, प्रभात दुबे, बीरेंद्र महतो, दीपक मेहता, महादेव महतो और रंजीत राणा—पर कठोर धाराओं में कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ राज्य की सुरक्षा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है।
उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता जताई है।
Subscribe to my channel