बीकानेर में आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के नाम से संचालित हॉस्पिटल…लुट की बड़ी दुकान भी कह सकते है ।
बीकानेर में आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के नाम से संचालित हॉस्पिटल…लुट की बड़ी दुकान भी कह सकते है ।
मानव जीवन का हत्यारा भी कह सकते है । इंसानियत से नफरत और सिर्फ पेसो से प्रेम । ये कभी गरीब के हालात की तरफ नहीं देखता । अगर नॉर्मल हालात में कोई व्यक्ति ,छाती में दर्द को लेकर इसके पास जाता है तब ये देखते ही उसे बड़ी बीमारी की ओर इशारा करता है और भयंकर डर पैदा करता है इस पर तथाकथित पेशेंट को वास्तविक पेशेंट की श्रेणी में ला कर खड़ा कर देता है और एंजियोग्राफी का बोलता है उस के तुरंत बाद हार्ट में स्टेंट डालने का बोलता है फिर एक नहीं,दो नहीं ,तीन या चार स्टेंट तक पहुंच जाता है अब कोई वास्तव में बीमार है उसको तो मरना ही है साथ वाले परिवार को ओर कर्जे के बोझ तले मार देता है । कुछ समय पहले में भी इस हॉस्पिटल के विवाद में पंचायती करने गया और दोनों पक्षों को समझा बुझा कर राजीनामा करवाया लेकिन कुछ दिन बाद पता चला कि इस हॉस्पिटल ने सामने वाले पक्ष जो कि पेशेंट था उस पर,उस के बच्चों पर ओर पेशेंट के पैरवीकार पर मुकदमा कर दिया । ये गरीब और अमीर को समान दृष्टि से देखता है कल भी सूरजनसर के किसान रामेश्वर गोदारा की मृत्यु इस हॉस्पिटल की घोर लापरवाही की वजह से हो गई ओर मामला सुर्खियों में है अब मजबूर पेशेंट जाए तो जाए कहां । चिरंजीवी योजना का लाभ प्राइवेट हॉस्पिटल में भी मिलता है तब बीमार वहां पहुंच जाता है लेकिन ये हॉस्पिटल इंजेक्शन के नाम से उनसे पैसे लुट लेता है । अगर जीवित रहना चाहते हो तो ज्यादा से ज्यादा सरकारी हॉस्पिटल की तरफ रुख करे , इलाज भी बेहतर है फिर भी नहीं बचे तो परिवार तो कर्ज में नहीं मरेगा ।