
पटना में दो मासूमों की रहस्यमय मौत पर बवाल, अटल पथ पर हिंसा – दो वाहन फूंके, मंत्री के काफिले पर पथराव

पटना, 26 अगस्त:
राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में दो मासूम भाई-बहन की रहस्यमय मौत के बाद सोमवार को जनता का गुस्सा फूट पड़ा। न्याय की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने अटल पथ पर प्रदर्शन किया जो शाम होते-होते हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के काफिले पर पथराव भी किया।
अटल पथ बना रणक्षेत्र
सोमवार शाम करीब 6 बजे प्रदर्शनकारी इंद्रपुरी रोड नंबर-10 के समीप जमा हुए। बच्चों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे लोग देखते-देखते उग्र हो गए। इसके बाद अटल पथ पर दो घंटे से अधिक समय तक अफरा-तफरी मची रही। पुलिस ने जब हालात काबू करने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
हिंसा, आगजनी और हंगामा
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उग्र भीड़ ने एक स्कॉर्पियो और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया।
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राहगीरों के साथ मारपीट की गई।
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पथराव में 6 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
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एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों के शीशे टूट गए।
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स्वास्थ्य मंत्री के काफिले पर भी पथराव हुआ, जिससे स्कॉर्ट वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
प्रशासन हरकत में आया
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आईजी जितेन्द्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा और सिटी एसपी दीक्षा समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। रात करीब 8.30 बजे तक स्थिति नियंत्रण में लाई जा सकी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
15 अगस्त को इंद्रपुरी रोड नंबर-12 स्थित गोकुल गली में एक बंद पड़ी कार से सात वर्षीय बच्ची और पांच वर्षीय भाई का शव बरामद किया गया था। दोनों बच्चे दोपहर में ट्यूशन पढ़ने निकले थे लेकिन वापस नहीं लौटे। शाम को परिजनों को सूचना मिली कि एक कार में उनके शव पड़े हैं। बच्ची की हल्की सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल ले जाने के दौरान दोनों की मौत हो गई।
जांच की स्थिति
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि नहीं हुई है।
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मौत का कारण दम घुटना बताया जा रहा है, लेकिन विसरा रिपोर्ट का इंतजार है।
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पुलिस ने घटनास्थल तक के 25 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं।
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तकनीकी जांच और पूछताछ जारी है।
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एक विशेष जांच टीम गठित की गई है।
परिजनों और जनता का आरोप
बच्चों के माता-पिता और स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और ना ही उन्हें कोई जानकारी दी गई है। इससे लोगों में भारी आक्रोश है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो आज उन्हें सड़कों पर उतरना नहीं पड़ता।
संपादकीय टिप्पणी:
इस घटना ने न केवल पटना बल्कि पूरे राज्य को झकझोर दिया है। सवाल सिर्फ दो मासूमों की मौत का नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर भी है जो पीड़ित परिवार को जवाब तक नहीं दे पा रही। जनता का गुस्सा जायज़ है, लेकिन हिंसा किसी समाधान का रास्ता नहीं। अब समय है कि प्रशासन जिम्मेदारी से जांच को अंजाम तक पहुंचाए।



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