
पटना: NMCH के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, मरीज बेहाल
पटना, बिहार: राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। जूनियर डॉक्टर अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिसका सीधा असर अस्पताल के कामकाज और मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है।
हड़ताल के कारण अस्पताल की ओपीडी (OPD) और ऑपरेशन थिएटर (OT) सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। इससे दूर-दराज से आए मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को बिना इलाज ही वापस लौटना पड़ रहा है।
डॉक्टरों की मुख्य मांगें:
जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- वेतन वृद्धि: स्टाइपेंड (वजीफा) में बढ़ोतरी की मांग, जो लंबे समय से नहीं बढ़ाई गई है।
- सुरक्षा: अस्पताल परिसर में काम के दौरान डॉक्टरों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था।
- बॉन्ड सेवा अवधि में कमी: बॉन्ड पोस्टिंग की अवधि को 3 साल से घटाकर 1 साल किया जाए।
- सीनियर रेजिडेंसी का दर्जा: बॉन्ड सेवा को सीनियर रेजिडेंसी का अनुभव माना जाए।
- वेतन बढ़ोतरी: बॉन्ड अवधि के दौरान सीनियर रेजिडेंट के वेतन में उचित वृद्धि।
- बकाया भुगतान: बकाया स्टाइपेंड का तुरंत भुगतान।
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे कई महीनों से अपनी मांगों को सरकार के सामने रख रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी वजह से उन्हें हड़ताल जैसा कड़ा कदम उठाना पड़ा।
आगे की राह:
इस मामले पर सरकार और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत जारी है। हालांकि, फिलहाल कोई समाधान नहीं निकला है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, मरीजों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए जल्द ही किसी समाधान की उम्मीद की जा रही है।