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कोरमा पोखर में ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों

कोरमा पोखर में ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों मछलियों की मौत, मत्स्य पालकों को भारी नुकसान

बेलागंज (गया), 25 अगस्त:
बेलागंज प्रखंड अंतर्गत कोरमा पंचायत स्थित पोखर में रविवार की रात भारी मात्रा में मछलियों की मौत हो गई। स्थानीय मत्स्य पालकों ने इसे ऑक्सीजन की कमी का नतीजा बताया है। घटना से करीब 7 से 8 क्विंटल मछलियों की मौत हो गई, जिससे मत्स्य पालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।

प्रखंड मत्स्यजीवी अध्यक्ष देवश दास ने बताया कि एक वर्ष पूर्व इस पोखर में रेहू प्रजाति की मछलियों का बीज डाला गया था, जो अब पूरी तरह तैयार हो चुका था। मछलियों को निकालने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन सोमवार सुबह देखा गया कि सभी मछलियाँ मृत अवस्था में तैर रही थीं।

देवश दास ने इसके लिए पोखर के आसपास के लोगों द्वारा पोखर में गोबर डालने को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इससे पानी में प्रदूषण फैला और ऑक्सीजन की मात्रा में गिरावट आई, जो मछलियों की मौत का मुख्य कारण बना।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

इस मामले पर जिला मत्स्य पदाधिकारी राजीव कुमार ने कहा, “बारिश के मौसम में ऑक्सीजन की कमी आम बात है। यदि क्षमता से अधिक मात्रा में मछली का बीज डाला गया हो और तालाब में पानी का प्रवाह न हो, तो ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। दुर्भाग्यवश, मछली पालन को लेकर बीमा या विभागीय सहायता की कोई व्यवस्था नहीं है।”

वहीं, मत्स्य अनुसंधान संस्थान, मीठापुर के डिप्टी डायरेक्टर देवेंद्र नायक ने कहा कि अगर जहर देने की आशंका हो, तो एफआईआर दर्ज कर फोरेंसिक जांच कराई जा सकती है। ऑक्सीजन की कमी की पुष्टि के लिए पानी की जांच कराना भी आवश्यक है।

विशेषज्ञों की राय

मत्स्य विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते जैविक अपशिष्ट और बारिश के मौसम में घटती धूप के चलते जलस्रोतों में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आ जाती है। इसके अलावा, अधिक मात्रा में मछली पालना भी तालाब की ऑक्सीजन क्षमता पर दबाव बनाता है।

स्थानीय मांगें

इस घटना के बाद स्थानीय मत्स्य पालकों ने प्रशासन से जल स्रोतों की नियमित जांच, बायोफिल्टर या एयरेटर की व्यवस्था, और मछली पालन बीमा योजना लागू करने की मांग की है।

@ State Incharge Animesh Anand

Indian Crime News

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