
चंदन मिश्रा हत्याकांड: मुख्य शूटर तौसीफ समेत चार आरोपी गिरफ्तार, लेकिन मास्टरमाइंड अब भी सवालों के घेरे में
पटना: गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य शूटर तौसीफ रज़ा और उसके चचेरे भाई निशु खान समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस से जुड़े कई बड़े सवाल अब भी अनसुलझे हैं। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है और मंगलवार सुबह से तौसीफ को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जाएगी।
प्लानिंग थी बेहद सटीक, अस्पताल का चप्पा-चप्पा जानते थे आरोपी
जानकारी के अनुसार, चंदन मिश्रा की हत्या के लिए चुनी गई जगह—राजा बाजार स्थित पारस अस्पताल—को लेकर शूटर पहले से वाकिफ थे। दरअसल, कुछ साल पहले जब निशु खान को गोली लगी थी, वह इसी अस्पताल में भर्ती था। तब तौसीफ उससे मिलने आता था। इसी दौरान दोनों ने अस्पताल के भीतर-बाहर का पूरा मुआयना कर लिया था।
हत्या वाले दिन सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखा कि तौसीफ आगे-आगे चल रहा था और चार अन्य शूटर उसके पीछे थे। यह बताता है कि हमला सुनियोजित और पूरी तैयारी के साथ किया गया था।
साजिश की जड़ें जेल तक: मास्टरमाइंड शेरू सिंह पर शक गहराया
सूत्रों की मानें तो इस पूरे षड्यंत्र की जड़ें पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जेल तक जाती हैं, जहां शेरू सिंह नामक कुख्यात अपराधी बंद है। पुलिस को शुरू से ही शक था कि चंदन की हत्या की साजिश जेल के अंदर से ही रची गई है।
बताया जा रहा है कि शेरू ने शूटरों को हत्या के बाद 5-5 लाख रुपये देने का वादा किया था। इस मामले में बलवंत नामक व्यक्ति की भी भूमिका सामने आई है, जिसने शूटरों को हथियार और बाइक मुहैया कराई थी।
कई सवाल अब भी अनुत्तरित
चंदन की हत्या क्यों की गई?
क्या ये गैंगवार का हिस्सा था या किसी निजी रंजिश का नतीजा?
क्या शेरू ही मास्टरमाइंड है या पर्दे के पीछे कोई और है?
क्या चंदन के किसी बेहद करीबी ने ही उसकी गतिविधियों की जानकारी शूटरों तक पहुंचाई?
कितनी गोलियां चलाई गईं?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कितनी गोलियां बरामद हुईं, यह अब तक सार्वजनिक नहीं हुआ है।
चंदन और शेरू के बीच दुश्मनी की असली वजह क्या थी?
दोनों पहले दोस्त थे, फिर ऐसा क्या हुआ कि दोस्ती दुश्मनी में बदल गई?
पुलिस पर बढ़ा दबाव
गिरफ्तारी के बावजूद, चंदन मिश्रा की हत्या से जुड़े रहस्यों पर से अभी पूरी तरह पर्दा नहीं उठा है। पटना पुलिस पर अब दबाव है कि जल्द से जल्द मामले की तह तक पहुंचकर मास्टरमाइंड की पहचान करे और सभी साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाए।