
गंगा में बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की आशंका, प्रशासन अलर्ट मोड में
पटना: गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते दियारा और तटीय क्षेत्रों में बाढ़ व जलजमाव की आशंका गहरा गई है। संभावित आपात स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने जिले भर में राहत और बचाव कार्यों को सुदृढ़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावों, प्रशिक्षित गोताखोरों, राहत सामग्री और निगरानी दलों को तत्परता के साथ सक्रिय करने का आदेश दिया है। साथ ही, खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगाकर लोगों को स्नान से रोकने और थाना प्रभारियों को वहां सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नाव पर तय क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तटबंधों और स्लुइस गेटों की 24 घंटे निगरानी के निर्देश बाढ़ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी की स्थिति में त्वरित मरम्मत सुनिश्चित करने को कहा गया है।
नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की आशंका के मद्देनजर संप हाउस का निरीक्षण किया जा रहा है और उन्हें कार्यशील बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
जिले के चिन्हित घाटों पर चौकीदार, दफादार एवं दंडाधिकारियों की तैनाती की जाएगी। इनकी जिम्मेदारी होगी कि वे जल प्रवाह की तीव्रता को देखते हुए निजी नावों के परिचालन पर नियंत्रण रखें। प्रशासन ने यह भी तय किया है कि आपदा राहत कार्यों में प्रयुक्त नावों पर स्पष्ट रूप से नाविक का नाम, मोबाइल नंबर, रजिस्ट्रेशन संख्या, नाव की क्षमता और प्रतिनियुक्त गोताखोर की जानकारी अंकित की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है और आमजन से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।