बिहार में सियासी घमासान: विशेष पुनरीक्षण पर रोक की मांग, राहुल गांधी भी होंगे शामिल

बिहार में विशेष पुनरीक्षण पर सियासत गरमाई, महागठबंधन ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक तापमान चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के प्रमुख नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि आयोग की ओर से एक ही दिन में तीन-तीन अलग दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं, जिससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग जानबूझकर मतदाता सूची में गड़बड़ी की स्थिति बना रहा है। महागठबंधन की मांग है कि विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और इसे चुनाव के बाद ही कराया जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और पटना में आयोग से मुलाकात के बावजूद किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। तेजस्वी ने यह भी मांग की कि आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड और राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में मान्यता दी जाए, क्योंकि ग्रामीण और वंचित तबके के पास यही दस्तावेज होते हैं।
प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एलान किया कि महागठबंधन 9 जुलाई को विशेष पुनरीक्षण के विरोध में राज्यव्यापी सड़क जाम करेगा, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं। वामपंथी दलों, विकासशील इंसान पार्टी और विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है।
नेताओं ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आम जनता भय और असुरक्षा के माहौल में जी रही है।
इससे स्पष्ट है कि चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में मतदाता सूची का मुद्दा नया सियासी हथियार बन गया है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग और राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।