
डायल-112 सेवा से बदली कानून-व्यवस्था की तस्वीर, दंगों में 75% की कमी
पटना। बिहार में डायल-112 सेवा के तीन साल पूरे होने पर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में आयोजित समारोह के दौरान डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि इस सेवा ने राज्य की कानून-व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाया है। सेवा की शुरुआत के बाद राज्य में दंगा के मामलों में भारी गिरावट आई है। तीन साल पहले जहां करीब 14,000 दंगे के मामले दर्ज होते थे, अब यह संख्या घटकर सिर्फ 3,000 रह गई है।
डीजीपी ने बताया कि डायल-112 पर हर दिन औसतन 70 हजार कॉल आते हैं, जबकि त्योहारों के समय यह संख्या दोगुनी हो जाती है। सेवा का औसत रिस्पांस टाइम 15 मिनट है, जिससे बिहार देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। बीते तीन वर्षों में डायल-112 की मदद से करीब 40 लाख लोगों को सहायता पहुंचाई गई है।
इनमें सबसे ज्यादा 22 लाख मामले झगड़े, भूमि विवाद और मारपीट से जुड़े थे। इसके अलावा साढ़े तीन लाख से अधिक मामले घरेलू हिंसा और महिला-बाल अपराध से संबंधित थे। सड़क दुर्घटनाओं के 1.84 लाख और अग्निकांड के 1.15 लाख मामलों में भी डायल-112 से तत्काल मदद दी गई।
डीजीपी ने यह भी बताया कि सेवा के तहत अकेली महिलाओं को सुरक्षित यात्रा सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि डायल-112 आपकी सेवा में है, इसका सही उपयोग करें और पुलिस टीम का सहयोग करें।
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि डायल-112 को और मजबूत किया जाएगा। आपात स्थिति जैसे भूकंप के दौरान तेजी से मदद पहुंचाने के लिए मिरर इमरजेंसी सेंटर की योजना बनाई गई है। साथ ही, राजीव नगर में एक नया कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है।