
पटना में ऑटो-ई रिक्शा चालकों की दो दिवसीय हड़ताल 8-9 जुलाई को, अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
पटना। राजधानी पटना में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने 8 और 9 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। यह निर्णय ऑटो और ई-रिक्शा चालक संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा लिया गया है। संगठन ने यातायात व्यवस्था में हालिया बदलाव और अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर जिला प्रशासन पर गंभीर उपेक्षा का आरोप लगाया है।
मोर्चा से जुड़े नेताओं मुर्तजा अली, राजेश चौधरी, पप्पू यादव, अजय पटेल, चंद्रभूषण श्रीवास्तव, विजय प्रसाद, मनोज कुमार सिंह, अरविंद गिरी, बिजली प्रसाद, हिमांशु कुमार, राजदेव पासवान और सत्येंद्र लाल ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद प्रशासन उनकी समस्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है, इसलिए हमें मजबूरन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा है।”
प्रदर्शनकारी चालकों की प्रमुख मांगों में यातायात नियमों में ढील, निर्धारित रूट की समीक्षा, अनुचित चालान पर रोक, चालकों के लिए विश्राम स्थल और बीमा-सुरक्षा जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
नेताओं ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इस दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक करेंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय ले सकते हैं। ऐसी स्थिति में पटना की आम जनता को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रभाव:
इस हड़ताल का सीधा असर पटना शहर की पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर पड़ेगा, खासकर ऑफिस, स्कूल और अस्पताल जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रशासन की चुप्पी:
फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से इस हड़ताल पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।