जीतू पटवारी : मध्य प्रदेश की राजनीति का सबसे दबंग चेहरा:- एड राकेश तिवारी
मंडला जिले की खास रिपोर्ट

जीतू पटवारी : मध्य प्रदेश की राजनीति का सबसे दबंग चेहरा:- एड राकेश तिवारी
रिपोर्टर इन्द्रमेन मार्को मंडला मध्यप्रदेश
मंडला। हाल ही में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर जिले के मुंगावली थाने में दर्ज हुई एफ आई आर ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। यह एफ आई आर उसी युवक ने दर्ज कराई है, जिसने दो दिन पहले पटवारी से मुलाकात कर सरपंच पति और बेटे पर गंदगी खिलाने का आरोप लगाया था। उस समय जीतू पटवारी ने तत्काल कलेक्टर को फोन कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब युवक अपने बयान से पलट गया है।
इस घटनाक्रम को जिला कांग्रेस कमेटी मंडला के अध्यक्ष एड राकेश तिवारी ने राजनीति से प्रेरित और सत्ता के दुरुपयोग का जीवंत प्रमाण बताया है, जो कहीं न कहीं जीतू पटवारी की बढ़ती हुई राजनीतिक साख और दबंग छवि को रेखांकित करता है। यह पहला मौका नहीं है जब पटवारी को झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई है, जो इस बात का संकेत है कि भाजपा सरकार उनके बढ़ते राजनीतिक कद से चिंतित है।
*वंचितों/पीड़ितों की सशक्त आवाज*
जीतू पटवारी ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीड़ित व्यक्ति पहले कलेक्टर के पास गया, मीडिया में गया और आत्महत्या का प्रयास भी किया। उनके पास आने पर उन्होंने पूरी बात सुनी, कलेक्टर को मौके से फोन किया और पीड़ित की सहमति से ही वीडियो अपलोड किया। जीतू पटवारी का यह बयान उनकी उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह पीड़ितों की आवाज उठाना अपना दायित्व समझते हैं।
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार दलितों और वंचितों पर लगातार बढ़ते अत्याचारों के बीच इस वीभत्स घटना को दबाने का प्रयास कर रही है। यह आरोप इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि जीतू पटवारी ने लगातार दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और वंचित वर्ग पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ मुखर आवाज उठाई है। उनकी यह भूमिका उन्हें मध्य प्रदेश की राजनीति में वंचितों और शोषितों के सबसे मजबूत पैरोकार के रूप में स्थापित करती है। वे केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहते, बल्कि मैदान में उतरकर सरकार से सीधी लड़ाई लड़ते हैं, जैसा कि इस मामले में कलेक्टर को मौके पर फोन करने से स्पष्ट होता है।
*डरी हुई बीजेपी ने की दबाव की राजनीति*
कांग्रेस ने इस बात पर गहरा आश्चर्य व्यक्त किया है कि जिस व्यक्ति ने पहले वीडियो में अपने साथ हुई क्रूरता का विस्तार से वर्णन किया था और उसे सोशल मीडिया पर साझा करने की सहमति भी दी थी, उसी के हाथ में अब शपथ पत्र थमा दिया गया है। कांग्रेस इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में चल रहा भय का तंत्र मानती है। यह घटना दर्शाती है कि जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस भाजपा सरकार के सामने एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में खड़ी है, जो सत्ता के दुरुपयोग और दबाव की राजनीति के खिलाफ आवाज़ उठाने से नहीं डरती।
कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह शपथ पत्र दबाव, डर और राजनीतिक प्रतिशोध की उपज है। एक दलित युवक को न्याय की मांग करने पर चुप क्यों करवाया जा रहा है और सत्ता में बैठे लोग इतनी हड़बड़ी में एफ आई आर क्यों करवा रहे हैं। यह सवाल सीधे तौर पर मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और संवैधानिक मूल्यों पर सवाल खड़े करता है, जिसकी कमान स्वयं मुख्यमंत्री बनाम गृहमंत्री के पास है। कांग्रेस का यह दृढ़ रुख भी जीतू पटवारी के नेतृत्व में पार्टी की आक्रामकता और दृढ़ता को दर्शाता है।
*मप्र की राजनीति में एक ‘दबंग’ चेहरा*
जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश की राजनीति में एक दबंग और जमीनी नेता के रूप में देखा जाता है। उनकी छवि एक ऐसे नेता की है जो जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझते हैं और उनके लिए लड़ते हैं। यह एफ आई आर और उसके बाद कांग्रेस का मजबूत प्रहार इस बात को पुष्ट करता है कि पटवारी भाजपा सरकार के लिए एक कड़ी चुनौती बन गए हैं। वे केवल बयान देकर शांत नहीं बैठते, बल्कि सरकार को सीधे चुनौती देते हैं और पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते हैं। उनकी यह कार्यशैली उन्हें अन्य नेताओं से अलग करती है और उन्हें युवाओं के साथ-साथ वंचित वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाती है।
यह पहला मौका नहीं है जब उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई हो। अतीत में भी उन्हें कई बार ऐसे मामलों का सामना करना पड़ा है, लेकिन हर बार वे और अधिक मजबूत होकर उभरे हैं। यह उनकी लचीली प्रकृति और राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है। वे जानते हैं कि ऐसी दबाव की राजनीति से कैसे निपटना है और कैसे इसे अपने पक्ष में मोड़ना है। यह गुण एक नेता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब वह एक मजबूत सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ लड़ रहा हो।
*भविष्य के मजबूत नेता!*
जिस तरह से जीतू पटवारी दलितों, पीड़ितों और शोषितों की आवाज बनकर उभरे हैं, वह उन्हें मध्य प्रदेश की राजनीति में भविष्य का एक सबसे मजबूत नेता बनाता है। सच्चाई यह भी है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस का यह तेजतर्रार और दबंग चेहरा केवल विरोध प्रदर्शनों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि मुद्दों को गहराई से उठाता है और उनके समाधान के लिए सरकार पर दबाव भी बनाता है! वैसे भी कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस लड़ाई को सड़कों से लेकर सदन तक मजबूती से लड़ेंगे। यह भी जीतू पटवारी के नेतृत्व में पार्टी की रणनीतिक आक्रामकता को दर्शाता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की इस कार्यशैली उन्हें न केवल कांग्रेस के भीतर, बल्कि पूरे राज्य में एक लोकप्रिय और भरोसेमंद चेहरा बनाती है। वे एक ऐसे नेता के रूप में उभर रहे हैं, जो डरने वाला नहीं, बल्कि लड़ने वाला है। मध्य प्रदेश में जहां भी अत्याचार होता है, कांग्रेस के सिपाही सबसे पहले मैदान में डटते हैं और इस जुल्म के जंगलराज के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की बात करते हैं। यह जीतू पटवारी के दृढ़ नेतृत्व और उनके कार्यकर्ताओं के बीच गहरी पैठ का परिणाम है।
मध्य प्रदेश की राजनीति में जहां भाजपा लंबे समय से सत्ता में है, वहीं जीतू पटवारी ने एक सक्षम और प्रभावी विपक्षी नेता के रूप में अपनी जगह बनाई है। उनकी जमीनी पकड़, आक्रामक तेवर और वंचितों के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें आने वाले समय में मध्य प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करती है। यह एफ आई आर भले ही उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से की गई हो, लेकिन यह अंततः उनकी राजनीतिक छवि को और मजबूत ही करेगी, उन्हें ‘पीड़ितों का मसीहा’ और ‘सरकार के खिलाफ आवाज’ के रूप में स्थापित करेगी। इसीलिए तर्क और तथ्य के साथ कहा जा सकता है कि जीतू पटवारी का राजनीतिक भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल दिख रहा है और वे मध्य प्रदेश की राजनीति के एक बदलते हुए परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर रहे हैं।

Subscribe to my channel