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Madhya Pradesh News टोंक खुर्द क्षेत्र के ग्राम गीरला खेड़ी मैं गोवर्धन पूजा कर खिलाया जाता है छावढा

पड़वा पर अनूठी परंपरा--सैंकड़ों सालों से गोवर्धन पूजा कर परंपरा का निर्वहन कर रहे ग्रामवासी

रिपोर्टर रवि कुमार धाकड़ देवास मध्य प्रदेश।

ग्राम गिरला खेड़ी के हरि सिंह पटेल का कहना है की बीमारियों से बचाव व घर की सुख समृद्धि के लिए होती गोवर्धन पूजा टोंक खुर्द के क्षेत्र के ग्राम गिरला खेड़ी मैं दिवाली पर्व के अगले  दिन पड़वा पर यूं तो हर जगह गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन शहर व ग्राम समाज द्वारा की जाने वाली गोर्वधन पूजा अपने आप में अनूठी है। गाय के गोबर से पर्वत की आकृति बनाकर उस महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना कर खीर पुरी चढ़ाई जाती है व मन्नत मांगी जाती है कि हमारे घर में सुख समृद्धि आए और वह हर बीमारी से हमारा गांव सुरक्षित रहे एवं घर में सुख समृद्धि की कामना के लिए ग्राम गिरला खेड़ी मै गुर्जर समाजजनों द्वारा सैंकड़ों वर्ष पुरानी पंरपरा का निर्वहन किया जा रहा है।जिला विभिन्न त्योहारों को परंपराओं के साथ हर्षोल्लास के साथ निभाने के लिए जाना जाता है। दिवाली पर्व के अगले दिन पड़वा को लेकर तो परंपरा काफी विशेष है। गुर्जर समाज पड़वा को धूमधाम से मनाते हैं। समाज की महिलाएं पड़वा के दिन सुबह एक जगह एकत्रित होकर गाय के गोबर से गोर्वधन पर्वत की अनुकृति बनाती है। जिसके बाद हर घर से खीर-पूरी और मिठाई भोग लगाने के लिए लाई जाती है। इस दौरान खास तौर पर हर घर से एक कुल्हड़ में गाय का दूध भी लाया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि यह दूध पीने से वर्ष भर व्यक्ति निरोगी रहता है। सामुहिक पूजा के बाद समाज के पुरूष हाथोंं में धानी और बताशे लेकर गोवर्धन पर्वत की सात परिक्रमा लगाते हैं। वही गुर्जर समाज द्वारा वर्षों से चली आ रही छावड़ा की परंपरा को निभाते चला रहे हैं जिसके अंतर्गत गाय को माता का स्वरूप मानकर उसे ग्राम वासियों द्वारा छ

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