Haryana News हमें जीवन में कभी भी अपने रूप, यौवन, संपत्ति और राजगद्दी का अभिमान नहीं करना चाहिए-आचार्य बजरंग शास्त्री

रिपोर्टर सतीश नारनौल हरियाण
नारनौल के समीप गांव खटौटी में आयोजित संगीतमय श्री मद्भाग्वत कथा के समापन दिवस के अवसर पर कथा व्यास आचार्य पंडित बजरंग शास्त्री जी महराज ने बताया की यज्ञ नारायण का स्वरूप होता है और किसी भी धार्मिक अनुष्ठान की पूर्ति यज्ञ के द्वारा ही होती है हमे जीवन में कभी भी अपने रूप, यौवन ,सम्पति और राजगद्दी का अभिमान नही करना चाहिये और भूलकर भी संतों ब्राह्मणों का अपमान और उनके धन का हरण नही करना चाहिए क्योंकि जो ब्राह्मणों के धन का हरण करता है उसके कुल का विनाश हो जाता है । उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के पुत्रो ने संतो का अपमान किया तो संतो ने यदुकुल के संघार का श्राप दिया उस श्राप के कारण पूरे यदुकुल का संघार हो गया। इसलिये हमे हमेशा संतो का बुजुर्गो और और अपने माता-पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिये और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिये। आचार्य जी ने बताया की भगवान अपने भक्तो का दुख देख नही सकते। उन्होने अपने परम भक्त एवम मित्र सुदामा जी को स्वर्ग जैसी सम्पदा प्रदान की। जैसी मित्रता भगवान कृष्ण जी ने निभाई वैसी ही हमे भी निभानी चाहिये। आचार्य जी ने कथा में कलियुग में हरी नाम का महत्व बताया उनहोने कहा की कलियुग में प्रभु का नाम ही भव सागर पार ले जाने वाला है । आचार्य जी ने कलियुग के गुण और दोष , दत्तात्रेय के चौबीस गुरुओं का भी सुंदर वर्णन किया। कथा के अंत में कृष्ण सुदामा की झांकी भी दर्शायी गयी । और राधा कृष्ण के साथ फूलों की होली भी खेली गयी जिसमे सभी भक्तो ने झुमकर नाचकर आनँद लिया । इस अवसर पर श्री मति पिंकी शर्मा, महेश शर्मा , नवीन शर्मा और कमलकांत शर्मा ने आचार्य जी का पगड़ी एवं माला पहनाकर भव्य स्वागत और धन्यवाद किया और अंत में कथा के विश्राम पर शुकदेव जी की विदाई की गयी। कथा के समापन के अवसर पर मनीष शास्त्री , पं.संदीप शास्त्री, राहुल , अशोक शर्मा ने वेद मंत्रो के साथ सभी देवताओ का पूजन करवाया तथा देवताओ की आहुति एवम भंडारे का भोग लगवाकर यज्ञ के साथ भागवत कथा को पूर्ण करवाया।
यज्ञ के बाद भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया। जिसमे काफी लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया । इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य यजमान कमलकांत शर्मा , मनीष शर्मा , सतीश शर्मा , महेश शर्मा , प्रवीण शर्मा , नवीन शर्मा , रमेश शर्मा , महावीर प्रसाद , प्रहलाद सोनी सहित सैकड़ों की संख्यां में अनेक माताएँ , बहने एवम बुजुर्ग व भाई बंधु उपस्थित थे।

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