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Uttar Pradesh News अच्छा सिला दिया हैदरगढ़ के प्यार का? चुनावी अग्निपथ पर हैदरगढ़ को लावारिस छोड़ अन्य स्थानों पर प्रचार करते रहे बैजनाथ?

विधायक बनाने वाले हैदरगढ़ के निकाय चुनाव में पूर्व मंत्री के दीदार को तरसती रही भाजपा की आंखें!

रिपोर्टर मो ज़ैद सूरतगंज बाराबंकी उत्तरप्रदेश

 बाराबंकी नगर निकाय चुनाव संपन्न हो गया। लेकिन इस पूरे चुनाव के दरमियान हैदरगढ़ क्षेत्र के पूर्व विधायक बैजनाथ रावत ने हैदरगढ़ नगर की ओर झांका तक नहीं? पूर्व मंत्री के दीदार के लिए यहां भाजपा तरसती रही। परंतु अनजान कारणों से श्री रावत उस हैदरगढ़ नगर के चुनावी उत्सव में नहीं पहुंच सके? जिस नगर के मतदाताओं व भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक समय में उन्हें विधायक व सांसद बनाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया हो। वे उन्हीं से बेवफाई कर गए? इस स्थिति को देख व समझकर चर्चा में लोगों ने कह डाला। बैजनाथ जी!अच्छा सिला दिया हैदरगढ़ के प्यार का.  नगर निकाय चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है। हैदरगढ़ नगर पंचायत के नए चेयरमैन अपनी भूमिका का निर्वाहन करने के लिए तैयार हैं। संपन्न हुए चुनाव में भाजपा पार्टी के बड़े से लेकर छोटे नेता तक चुनाव प्रचार में नजर आए! परंतु क्षेत्र के पूर्व विधायक बैजनाथ रावत ने हैदरगढ़ की ओर झांका तक नहीं? पूर्व विधायक हैदरगढ़ की यह सियासी अदा लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है! चर्चाओं के मुताबिक हैदरगढ़ के भाजपा कार्यकर्ता ,आम नागरिक इस बात को लेकर विचार विमग्न है कि क्या कारण थे कि पूर्व विधायक ने हैदरगढ़ के चुनाव में कोई भागीदारी नहीं निभाई? जबकि बैजनाथ रावत अपनी अगली राजनीतिक पारी के लिए तैयारी कर रहे हैं! खबरों के मुताबिक उनका अगला राजनीतिक निशाना 2024 भी हो सकता है। या फिर आगे चलकर विधायकी के चुनाव पर उनकी नजर हो? लेकिन नगर निकाय चुनाव में बैजनाथ रावत आश्चर्यजनक रूप से हैदरगढ़ नगर के चुनाव में भाजपा के साथ नहीं दिखाई पड़े? जिसने उन्हें सांसद व विधायक बनाने में एक समय के दौरान अपना सब कुछ न्योछावर किया था।

सनद हो कि बैजनाथ रावत ने रामसनेहीघाट तथा दरियाबाद सहित कई स्थानों पर भाजपा प्रत्याशियों का जमकर प्रचार किया। लेकिन उनका पूर्व क्षेत्र हैदरगढ़ ना आना तमाम विचारों को जन्म दे गया है? चर्चा में लोग कहते हैं कि हो सकता है कि वे वर्तमान आज की वजह से न आए हो? या फिर उन्हें यहां कोई अन्य सियासी कारण नजर आया हो? वैसे बैजनाथ रावत हैदरगढ़ से टिकट कटने के बाद कुछ स्थानीय नेताओं से अनमने हो गए थे। उसकी झलक भी नजर आती है? ऐसे में यह भी हो सकता है कि श्री रावत नाहक किसी कुचर्चा अथवा विवाद से बचने के लिए नगर से दूर रहे हो? फिलहाल जो भी हो लेकिन उनका हैदरगढ़ नगर पंचायत के चुनाव में ना आना नागरिकों व भाजपाइयों को आश्चर्यचकित कर रहा है। चर्चा के मुताबिक कुछ लोगों ने यह भी कहा कि बैजनाथ रावत राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। हैदरगढ़ नगर से उनकी दूरी कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना के तौर पर भी हो सकती है? जिसके अपने राजनैतिक निहितार्थ हैं ।स्थानीय भाजपाइयों एवं नागरिकों का स्पष्ट कहना है कि पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को हैदरगढ़ के चुनाव में भाजपा के साथ खुलकर खड़े होना चाहिए था। ऐसा ना करके उन्होंने शंकाओं को जन्म तो दे ही दिया है?क्योंकि यहां भाजपा चुनाव में अति संवेदनशील स्थिति से गुजर रही थी! कहा यह भी जा रहा है कि चूकि श्री रावत के संबंध क्षेत्र में एक वरिष्ठ नेता से काफी खराब हो चले थे। इसलिए उन्होंने हिसाब किताब बराबर करने के लिए “हम आपके हैं कौन” का फार्मूला अपनाया ? जबकि खबर यह है कि श्री रावत के कई अपने हैदरगढ़ में चुनाव का “जरा कुछ हटके” आनंद लेते दिखाई भी दिए?

जहां तक सवाल है आक्रोशित भाजपाइयों का तो? उन्होंने स्पष्ट कहा कि बैजनाथ रावत हैदरगढ़ के विधायक रहे हैं। हैदरगढ़ नगर व तहसील क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में उन्हें अपने पुराने संबंधों का सम्मान करते हुए यहां पर भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में जुटना चाहिए था। श्री रावत ने नगर निकाय चुनाव से दूरी बनाकर आगे अपने लिए सियासी बाधाएं खड़ी कर ली है। क्योंकि बेशक वे अपनी व अपनों की राजनीति को दुरुस्त करने का मंसूबा पाले होंगे? ऐसी भविष्यगत स्थिति में उनका नगर चुनाव से दूरी बनाए रखना उन्हें भारी पड़ेगा ? उधर दूसरी ओर बैजनाथ रावत के समर्थकों का कहना है कि जरा सी बात को तिल का ताड़ बनाया जा रहा है। श्री रावत ने संगठन के निर्देश पर जहां उन्हें भेजा गया वहां उन्होंने पार्टी के लिए काम किया। उनसे जो बना उन्होंने किया ।वह खुद चुनाव लड़ने या लड़वाने के लिए नहीं बल्कि भाजपा संगठन के लिए समर्पित है! बिना मतलब शंकाओं एवं कयासों को जन्म देना गलत है। जबकि कुल मिलाकर पूर्व मंत्री बैजनाथ रावत के नगर पंचायत के चुनाव में ना आने को लेकर लोग चर्चा के दौरान बोल ही पड़ते हैं। “बैजनाथ जी! अच्छा सिला दिया हैदरगढ़ के प्यार का..”?

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