पश्चिमी बंगालराज्य

West Bengal News शिलावती के साहेबघाट में पक्के पुल के निर्माण व सरकारी पहल से सुरक्षित व मुक्त क्रासिंग बनाने की मांग

रिपोर्टर आशा उद्दीन खान पश्चिम बंगाल

शिलावती के साहेबघाट में पक्के पुल के निर्माण व सरकारी पहल से सुरक्षित व मुक्त क्रासिंग बनाने की मांग को लेकर घाटाल बीडीओ कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया. पश्चिम मिदनीपुर जिले के घाटल एवं दासपुर प्रखंडों को जोड़ने वाली शिलाबती नदी पर साहेबघाट पर तत्काल कंक्रीट पुल के निर्माण की मांग, जब तक कि सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, सुरक्षित और मुक्त क्रॉसिंग के प्रावधान के साथ संपर्क मार्ग को पक्का करना और एकत्र करने के निर्णय को रद्द करना उस स्थान पर लकड़ी के पुल के वर्तमान मालिकों से वार्षिक टोल टैक्स का भुगतान करने को लेकर क्षेत्र के सैकड़ों पीड़ितों ने आज घाटल बीडीओ कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने बीडीओ कार्यालय परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक सड़क जाम रखा। पंचायत समिति के सहायक अध्यक्ष द्वारा समिति की मांगों के बारे में सार्वजनिक रूप से बयान दिए जाने पर अंतत: प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम हटा लिया।

समिति का नेतृत्व सलाहकार नारायण चंद्र नायक, अध्यक्ष डॉ. विकास चंद्र हाजरा, समिति के संयुक्त सचिव कनाई लाल पाखीरा, झड़ेश्वर माजी और अन्य ने किया। प्रदर्शनकारियों ने बीडीओ संजीव दास को ज्ञापन भी सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में समिति के सलाहकार नारायण चंद्र नायक, उपाध्यक्ष प्रोफेसर हिमांशु हाजरा, संयुक्त सचिव कनाईलाल पखिरा और अन्य शामिल थे। नेताओं ने शिकायत की कि साहेबघाट के उस स्थान पर पक्का पुल व संपर्क पक्की सड़क बनने से घटल मोहकुर्मा के राजनगर, दीवांचक-1, 2 व अजबनगर-1 आदि के लगभग 50 गांवों के हजारों छात्रों सहित लोगों को लाभ होगा. शिक्षा-चिकित्सा-व्यवसाय-बाजार-कार्यालय-अदालत घाटाल और पंशकुरा के अनुमंडलीय शहरों से आसानी से जुड़ जाएंगे। हाल ही में राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक और कार्य मंत्री पुलक रॉय को प्रतिनियुक्ति और मुख्यमंत्री कार्यालय में ज्ञापन दिया गया है. कनाई लाल पाखिरा ने शिकायत की कि सिंचाई विभाग ने करीब दस साल पहले शीलावती के साहेबघाट में मिट्टी की जांच कराई थी, लेकिन आज भी उस जगह पर पक्की पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. वहीं 2014 से कुछ स्थानीय लोग चंद पैसों से पंचायत समिति को लकड़ी का पुल बनाकर टोल टैक्स वसूल रहे हैं. उस कमेटी की टोल टैक्स वसूली की अवधि जुलाई में खत्म हो जाएगी। लेकिन उस पुल के मालिकों ने सालाना टोल टैक्स वसूलने का फैसला किया है.

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