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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने लड़ाकू विमान एस्केप सिस्टम का सफल उच्च गति रॉकेट-स्लेज परीक्षण किया

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लड़ाकू विमान एस्केप सिस्टम का नियंत्रित वेग से सफल उच्च गति रॉकेट-स्लेज परीक्षण किया है। चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड सुविधा में किए गए इस परीक्षण में कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन सीक्वेंसिंग और संपूर्ण एयरक्रू-रिकवरी की पुष्टि हुई। यह परीक्षण एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से किया गया। यह जटिल गतिशील परीक्षण भारत को उन्नत इन-हाउस एस्केप सिस्टम परीक्षण क्षमता वाले देशों के क्लब में शामिल करता है। गतिशील इजेक्शन परीक्षण, नेट टेस्ट या ज़ीरो-ज़ीरो टेस्ट जैसे स्थैतिक परीक्षणों की तुलना में काफ़ी जटिल होते हैं और इजेक्शन सीट के प्रदर्शन और कैनोपी सेवरेंस सिस्टम की प्रभावकारिता के मूल्यांकन का वास्तविक मापक हैं। एलसीए विमान के अग्रभाग के साथ एक दोहरे स्लेज सिस्टम को कई ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर्स के चरणबद्ध प्रज्वलन के माध्यम से सटीक रूप से नियंत्रित वेग से प्रक्षेपित किया गया।कैनोपी फ्रेजिलाइज़ेशन पैटर्न, इजेक्शन सीक्वेंसिंग और संपूर्ण एयरक्रू रिकवरी प्रक्रिया को एक इंस्ट्रूमेंटेड एंथ्रोपोमॉर्फिक टेस्ट डमी का उपयोग करके सिम्युलेट किया गया, जिसने इजेक्टेड पायलटों द्वारा अनुभव किए जाने वाले महत्वपूर्ण भार, क्षण और त्वरण को रिकॉर्ड किया। पूरे अनुक्रम को ऑनबोर्ड और ग्राउंड-आधारित इमेजिंग सिस्टम के माध्यम से कैप्चर किया गया। इस परीक्षण को भारतीय वायु सेना (IAF) और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन एंड सर्टिफिकेशन के अधिकारियों ने देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, एडीए, एचएएल और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफल प्रदर्शन से जुड़ी डीआरडीओ टीम को बधाई दी।

Bhopal Madhya Pradesh News @ Reporter Devendra Kumar Jain

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