विश्वस्वास्थ्य

सर्जरी के दौरान मानव धमनियों में पाए गये माइक्रोप्लास्टिक हृदय रोग के खतरों को काफी बढ़ा सकते हैं

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश

एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि सर्जरी के दौरान निकाली गई 50% से ज़्यादा धमनियों में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद होते हैं, जो हृदय रोग का कारण बन सकते हैं। नेपल्स स्थित कैम्पेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 257 मरीज़ों के ऊतक के नमूनों का विश्लेषण किया, जिन्होंने कैरोटिड एंडार्टेरेक्टॉमी (संकुचित धमनियों से वसा जमा को हटाने की प्रक्रिया) करवाई थी। उन्होंने पाया कि लगभग 60% नमूनों में पॉलीएथिलीन, जो सबसे आम प्लास्टिक है, मौजूद था, जबकि 12% में पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) भी मौजूद था। इन माइक्रोप्लास्टिक्स की उपस्थिति 34 महीने की अनुवर्ती अवधि में स्ट्रोक, दिल के दौरे या मृत्यु के जोखिम में 4.5 गुना वृद्धि से जुड़ी पाई गई। इससे पता चलता है कि माइक्रोप्लास्टिक्स हृदय रोगों बढ़ाने में भूमिका निभा सकते हैं। प्रयोगशाला अध्ययनों से पता चला है कि माइक्रोप्लास्टिक्स ऑक्सीडेटिव तनाव और हृदय कोशिकाओं में निशान पैदा कर सकते हैं, जिससे हृदय की कार्यप्रणाली बाधित हो सकती है। सूजन पैदा कर सकते हैं।हालाँकि अध्ययन में कोई सीधा कारण-और-प्रभाव संबंध स्थापित नहीं किया गया है, लेकिन निष्कर्ष माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करते हैं। चूँकि माइक्रोप्लास्टिक हवा, पानी और भोजन सहित विभिन्न पर्यावरणीय स्रोतों में पाए जाते हैं, इसलिए मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव की और जाँच की आवश्यकता है।

 

Bhopal Madhya Pradesh News @ Reporter Devendra Kumar Jain

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