दादी प्रकाशमणि की स्मृति में बस्तर से निकला विश्व बंधुत्व का संदेश

समाज सेवा केवल शब्दों का उच्चारण नहीं, बल्कि वह संकल्प है जिसमें जीवन का मर्म छुपा होता है। वृंदावन कॉलोनी स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, पावन धाम में आज जब दादी प्रकाशमणि की पुण्य स्मृति में विशाल रक्तदान शिविर आयोजित हुआ, तो मानो पूरा वातावरण सेवा ही साधना है के संदेश से गूंज उठा।
इस अवसर पर महापौर संजय पाण्डे, कलेक्टर हरिस एस सहित अनेक लोगों ने स्वयं रक्तदान कर यह संदेश दिया कि समाज का नेतृत्व केवल भाषणों से नहीं, बल्कि कर्म से होना चाहिए। वास्तव में जब कोई रक्तदान करता है तो वह आमजन को भी प्रेरित करता है कि सेवा की राह सभी के लिए खुली है।
महापौर संजय पाण्डे ने कहा रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। दादी प्रकाशमणि की स्मृति में हो रहा यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जीवनदायिनी पहल है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था में प्रवेश करते ही सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। यह वक्तव्य केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि इस युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आज जब समाज में तनाव, नकारात्मकता और स्वार्थ हावी हो रहे हैं, ऐसे में रक्तदान जैसी सेवा न केवल जीवन बचाती है बल्कि इंसानियत को जीवित रखती है।
संस्था प्रमुख बीके मंजूषा ने बताया कि 22 से 25 अगस्त तक संपूर्ण भारत में रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। एक लाख यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य रखा गया है। इसे विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। एक लाख यूनिट रक्तदान का लक्ष्य केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि वह जीवित प्रमाण है कि जब लोग संगठित होते हैं तो किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल करना संभव है।
दादी प्रकाशमणि का जीवन हमें यह सिखाता है कि सेवा और सकारात्मक सोच ही सच्ची आध्यात्मिकता है। आज का रक्तदान शिविर उसी विचारधारा का प्रतिरूप था। महापौर और कलेक्टर से लेकर आम नागरिक तक सभी ने यह साबित किया कि सेवा की कोई सीमा नहीं होती। जगदलपुर में हुए इस आयोजन से यह स्पष्ट है कि बस्तर केवल सांस्कृतिक धरोहरों का ही गढ़ नहीं, बल्कि समाज सेवा और मानवीय संवेदनाओं की भी धरती है। यह रक्तदान शिविर आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश है कि इंसानियत की रक्षा केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से होती है।
आज जब समाज में विभाजन, प्रतिस्पर्धा और स्वार्थ बढ़ रहे हैं, तब इस प्रकार के आयोजन हमें पुनः याद दिलाते हैं कि रक्तदान केवल जीवनदान ही नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम है। दादी प्रकाशमणि की पुण्य स्मृति पर दिया गया यह योगदान आने वाले वर्षों तक सेवा और बंधुत्व की मिसाल बना रहेगा।
कार्यक्रम में महापौर संजय पाण्डे, बस्तर कलेक्टर हरिस एस, संस्था प्रमुख बीके मंजूषा, डॉ के.ल.आजाद, राहुल जैन, विवेक सोनी, लाईबा चामडिया, प्रीति आजाद, निर्मल सोनी आदि उपस्थित रहे।।