Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में आज भीषण बारिश का अलर्ट इन 21 जिलों से लिए चेतावनी हुई जारी बारिश के साथ वज्रपात की भी चेतावनी
मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में अगले 24 घंटों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य के 13 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार जताए गए हैं जबकि 8 जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ आंधी की चेतावनी दी गई है।

रिपोर्टर मनोज मानिकपुरी कोरबा छत्तीसगढ़
आज भीषण बारिश का अलर्ट इन 21 जिलों से लिए चेतावनी हुई जारी, बारिश के साथ वज्रपात की भी चेतावनी लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है। इसी बीच मौसम विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि आने वाले घंटों में कई इलाकों में जोरदार बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार गरियाबंद जांजगीर चांपा रायगढ़ बिलासपुर कोरबा सरगुजा समेत कुल 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ कहीं-कहीं गरज-चमक और बिजली गिरने कीआशंका जताई गई है। वहीं सुकमा बीजापुर बस्तर कांकेर धमतरी दुर्ग राजनांदगांव और कबीरधाम जिलों में ऑरेंज अलर्ट प्रभावी रहेगा। इन जिलों में भारी बारिश के साथ तेज हवाओं और आंधी की संभावना है। क्यों जारी किया गया है अलर्ट मानसून के असर से बीते कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम और दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के चलते राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। येलो अलर्ट वाले जिले गरियाबंद जांजगीर-चांपा रायगढ़ बिलासपुर कोरबा सरगुजा सहित 13 जिले। ऑरेंज अलर्ट वाले जिले सुकमा बीजापुर बस्तर कांकेर धमतरी दुर्ग राजनांदगांव और कबीरधाम। लोगों को बरतनी होगी सावधानी मौसम विभाग ने आम जनता को सतर्क रहने की अपील की है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेड़ों और कच्चे मकानों के पास खड़े होने से बचने की सलाह दी गई है। साथ ही, बिजली गिरने के खतरे को देखते हुए लोगों को खुले मैदान और ऊँचे पेड़ों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।तेज बारिश की वजह से कुछ जिलों में जलभराव और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की संभावना भी जताई गई है। वहीं यातायात और बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है। खेती किसानी पर असर बारिश का यह दौर खेती-किसानी के लिहाज से फायदेमंद माना जा रहा है। धान की बुवाई और रोपाई के लिए यह पानी उपयोगी साबित होगा। हालांकि कहीं-कहीं अधिक बारिश से खेतों में पानी भरने की समस्या भी किसानों के लिए चुनौती बन सकती है।