ब्रेकिंग न्यूज़

*इटावा नगर पालिका मे हो रहे भ्रष्टाचार,और अनियमितता के विरोध में करनी सेना के पदाधिकारियों ने दिया जिलाधिकारी को ज्ञापन*

इटावा नगर पालिका की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है यहां पर टेंडर की जानकारी लीक होना आम बात हो गई है इसके विरोध में करनी सेना के पदाधिकारियों ने इटावा जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर शिकायत की है।

टेंडर लीक होने की शिकायत उन्होंने नगरपालिका के खिलाफ निम्न लिखत मागों को उजागर किया है।
1. टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार:
पिछले दो वर्षों से नगरपालिका इटावा द्वारा जारी सभी टेंडर 5 से 10 पैसे कम दरों पर दिए जा रहे हैं, जबकि पूर्व में टेंडर 25% नीचे की दरों पर आते थे। यह सरकारी धन की लूट को दर्शाता है। जानकारी के अनुसार, सभी टेंडर चेयरमैन के पति की पार्टनरशिप वाली फर्मों, जैसे बांके बिहारी, विनायक ट्रेडिंग, और अंकित गुप्ता को ही दिए जा रहे हैं। आप चाहे तो फाइल्स से पिछले २ वर्ष के टेंडर निकाल कर देख सकते है
आगामी 6 जून, 2025 के टेंडर भी इन्हीं फर्मों को 5 से 10 पैसे की दर पर देने की तैयारी है, जो नगर चेयरपर्सन से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास प्रतीत होता है। यह प्रक्रिया निष्पक्षता और पारदर्शिता से वंचित है, जिससे अन्य ठेकेदारों को समान अवसर नहीं मिल रहा। यह सरकारी धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13 के तहत आपराधिक कदाचार और सत्ता के दुरुपयोग का मामला बनता है।

2. टेंडर की जानकारी लीक होने और पारदर्शिता की कमी:
नगरपालिका इटावा में RTGS द्वारा धरोहर राशि जमा करवाई जा रही है। ई-टेंडर में 10% से ऊपर बिलो की दर पर टेंडर होने पर नगरपालिका ने अपना नियम बना लिया है, जो शासन के नियमों (जो 5.8 पर दर्ज हैं) का उल्लंघन है। बिना अनुमति के नया नियम लागू करना गैरकानूनी है। नगरपालिका परिषद इटावा का खाता भारतीय स्टेट बैंक में है, जिसका खाता नंबर 111222915891 और IFSC कोड SBIN0000636 है। इस खाते से कमरा नंबर 15 के बाबू सतेंद्र का मोबाइल नंबर लिंक है, जो सभी टेंडरों की जमा राशि को देख लेता है और इस जानकारी को नगरपालिका अध्यक्ष को दे देता है। इससे टेंडर प्रक्रिया को मैनेज किया जाता है, जो पारदर्शिता के सिद्धांतों और केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
निवेदन:
1. वर्तमान में चल रही टेंडर प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
2. भविष्य में टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने हेतु अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) और उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) की अध्यक्षता में संपन्न कराया जाए।
3. टेंडर प्रक्रिया में सभी पात्र ठेकेदारों को समान अवसर प्रदान किया जाए।
4. टेंडर की जमा राशि देखने और जानकारी लीक करने की प्रक्रिया की जाँच की जाए, और इसके लिए जिम्मेदार बाबू सतेंद्र के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
5. उपरोक्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जाँच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक षड्यंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत की जाए।
6. इस मामले को उत्तर प्रदेश लोकायुक्त को संदर्भित किया जाए, ताकि स्वतंत्र जाँच हो सके।
आपसे अनुरोध है कि इस गंभीर मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई कर जनहित में उचित कदम उठाए जाएँ।

Etawah Uttar Pradesh News @ Bureau Chief Sagar Kumar

Indian Crime News

Related Articles

Back to top button