
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर को लेकर बड़ी तैयारी: बांका और लखीसराय बनेंगे केंद्र
देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना से जुड़ेगा ट्रांसमिशन नेटवर्क
बिहार में अक्षय ऊर्जा को गति देने की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। बिजली कंपनी ने ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर की स्थापना के लिए ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की संभावना तलाशनी शुरू कर दी है। यह लाइन उन इलाकों में बिछाई जाएगी जहाँ सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे स्रोत प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
विशेषकर लखीसराय के कजरा और बांका क्षेत्र में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर की नींव पड़ने जा रही है। कजरा में देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित हो रही है। इसके पूरा होने के बाद ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर का ट्रांसमिशन कार्य शुरू किया जाएगा।
क्या है ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर?
सितंबर 2012 में अस्तित्व में आई इस अवधारणा के तहत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली के लिए एक अलग ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार किया जाता है। इसका उद्देश्य पारंपरिक बिजली ग्रिड पर दबाव कम करना और स्वच्छ ऊर्जा का निर्बाध वितरण सुनिश्चित करना है।
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इस परियोजना को लेकर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी थी, जिसमें राज्यों को अपने स्तर पर अक्षय ऊर्जा के लिए विशेष ट्रांसमिशन व्यवस्था विकसित करने की सिफारिश की गई थी।
बिहार में हरित ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम
बांका और लखीसराय जैसे जिलों में इस परियोजना की शुरुआत से राज्य के ऊर्जा परिदृश्य में आमूल-चूल परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है। यह न केवल राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक ठोस कदम होगा।