एकादशी को उमड़ा गिरिराज जी की नगरी में भक्तों का सैलाब
गिरिराज महाराज के जयकारों से गुंजायमान हो उठी सप्तकोशीय परिक्रमा
21 किलोमीटर के हर हिस्से में श्रद्धालुओं की
भीड़ का रेला
गोवर्धन।। एकादशी स्पेशल।।by नरेश उपाध्याय
।।रविवार को गोवर्धन धाम में लगने वाला विश्व प्रसिद्ध गुरु पूर्णिमा मेला अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया जब कई लाख की संख्या में श्रद्धालुओं ने गिरिराज जी पहुंचकर गिरिराज महाराज के जयकारों के साथ दंडवत कर परिक्रमा प्रारंभ की। गोवर्धन पर्वत की 21 किलोमीटर लंबी परिक्रमा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है, जहां नंगे पैर चलने वालों से लेकर दंडवत करने वाले संत व श्रद्धालु अपनी भक्ति की पराकाष्ठा का परिचय दे रहे हैं।
गिरिराजजी की शरण में श्रद्धालु शरीर की नहीं, आत्मा की शक्ति के साथ चलते हैं। ऐसा ही कुछ नाजारा गोवर्धन की परिक्रमा में देखने को मिल रहा था जहां 21 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के बाद भी श्रद्धालुओं का जोश कम होता दिखाई नहीं दे रहा बल्कि और अधिक ऊर्जा के साथ जयकारों के घोष में वृद्धि होती दिख रही थी।
गिरिराज पर्वत की 21 किमी की परिक्रमा सामान्यतः 5 से 6 घंटे में पूरी हो जाती है लेकिन भक्त श्रद्धालुओं को परिक्रमा में ऐसा आनंद आता है कि जगह-जगह भंडारों का प्रसाद , गिरिराज महाराज के भजनों का आनंद और भीड़ भाड़ के आगोश में ऐसे रम जाते हैं कि समय का पता ही नहीं चलता और 5 घंटे में लगने वाली परिक्रमा में कई बार 10 घंटे से भी अधिक का समय लग जाता है इसे कहते हैं गिरिराज महाराज की भक्ति का नशा। जो संसार के बाकी सब आनंद से ऊपर है।
मथुरा_गोवर्धन से तेजश शर्मा की खास रिपोर्ट