धनबाद में नया सिस्टम, नया असर: SSP प्रभात कुमार के एक महीने में अपराध पर दिखा असर
धनबाद, 29 जून 2025 — धनबाद में वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) के रूप में प्रभात कुमार की तैनाती को एक माह पूरा हो गया है और इस छोटे से कार्यकाल में उन्होंने अपने तेवर और फैसलों से जनता और अपराधियों दोनों को संदेश दे दिया है—अब पुलिस सड़कों पर है, सिर्फ कागज़ों में नहीं।
2014 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रभात कुमार 27 मई को धनबाद के SSP बने। इससे पहले वे पाकुड़ में SP और 2016 में बाघमारा के SDPO के रूप में सेवा दे चुके हैं। उन्हें जिले की आपराधिक प्रकृति और भौगोलिक चुनौतियों की अच्छी समझ है। SSP बनते ही उन्होंने साफ किया था कि उनका फोकस है “जनता के बीच पुलिस को लाना और अपराध पर नियंत्रण पाना।”
सड़क पर उतर चुकी है पुलिस: ‘सिटी हॉक्स’ की तैनाती
शहर की सुरक्षा को नया आयाम देने के लिए SSP ने ‘सिटी हॉक्स’ नामक एक विशेष बाइक पुलिसिंग यूनिट लॉन्च की। ये यूनिट GPS से लैस है और दिन-रात 24×7 सक्रिय रहती है। इसका मकसद चेन स्नैचिंग, झपटमारी और बाइक चोरी जैसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करना है। महज़ 5 मिनट में घटनास्थल पर पहुँचने वाली इस टीम की वजह से छोटे अपराधों पर काबू पाया जा रहा है और आम नागरिकों में विश्वास बढ़ा है।
एक महीने में दिखा असर: गिरोह पर करारा प्रहार
पिछले एक महीने में SSP प्रभात कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने कुख्यात प्रिंस खान गिरोह के 9 अपराधियों को धर दबोचा है। साथ ही 21 चोरी की बाइक बरामद की गई हैं। धनबाद जंक्शन पर 28 किलो गांजा के साथ दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी और प्रत्येक थाना क्षेत्र में मॉनिटरिंग सिस्टम की सक्रियता पुलिस की रणनीतिक सोच को दर्शाती है।
इसके अलावा SSP ने थानों में रात्रि गश्त को अनिवार्य किया है और रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसे संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की सक्रिय मौजूदगी सुनिश्चित की है। ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुधारने के लिए अलग टीम बनाई गई है।
पुलिस-पब्लिक संवाद और नई पहलें
पुलिस और आमजन के बीच की दूरी कम करने के लिए प्रभात कुमार ने थानों में शिकायत निवारण केंद्र शुरू कराए हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों को नियमित प्रशिक्षण देने और तकनीकी संसाधनों के बेहतर उपयोग पर ज़ोर दिया है। कोयला तस्करी और अवैध खनन जैसे बड़े संगठित अपराधों से निपटने के लिए विशेष टास्क फोर्स भी गठित की गई है।
जनता का भरोसा, SSP का फोकस
स्थानीय नागरिकों ने SSP की कार्यशैली को सराहा है। एक व्यापारी ने कहा, “पहली बार लग रहा है कि पुलिस सिर्फ दफ्तरों में नहीं, सड़कों पर दिख रही है।” महिलाओं और बुजुर्गों में भी सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है।
हालांकि SSP के सामने चुनौतियाँ अभी खत्म नहीं हुई हैं। निरसा और पंचेत में कोयला तस्करी, मैथन क्षेत्र में गौ तस्करी, और लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध आने वाले दिनों में उनके लिए अगला फोकस हैं।