
चुनाव आयोग की मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चिराग पासवान का वार – कहा, महागठबंधन ने पहले ही मान ली हार
पटना। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस मुद्दे पर महागठबंधन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष हर चीज को साजिश की नजर से देख रहा है क्योंकि वह चुनाव से पहले ही हार मान चुका है।
राजगीर में जय भीम महासम्मेलन में शामिल होने से पहले पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि एक भी फर्जी वोटर सूची में न रहे। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे समय-समय पर लागू किया जाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अब किसी संस्था या प्रणाली पर भरोसा नहीं रहा और वे देश को अराजकता की ओर ले जा रहे हैं।
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि बिहार की जनता अब जंगलराज नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि 1990 का वह दशक जब लालू परिवार ने राज्य को बर्बाद किया, वह हर बिहारी के जेहन में आज भी जिंदा है। चिराग ने आरोप लगाया कि राजद की नीतियों ने बिहार के लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया।
सीएम पद के उम्मीदवार को लेकर चिराग ने कहा कि यह फैसला जनता करती है। तेजस्वी यादव चाहे खुद को जो भी समझें, लेकिन बिहार की जनता उन्हें स्वीकार नहीं करने जा रही।
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि यह अभियान महागठबंधन के वोटरों को उनके मताधिकार से वंचित करने की साजिश है। तेजस्वी ने पूछा कि 25 दिनों में 8 करोड़ लोगों के घर जाकर सत्यापन करना कैसे संभव है, जब बहुत से लोगों के पास उनके माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र तक उपलब्ध नहीं है।
चिराग पासवान ने विपक्ष के इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक बहाना है हार की ज़िम्मेदारी से बचने का।