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बिहार में पत्थर खनन को मिली मंजूरी, रोजगार के नए द्वार खुलने की उम्मीद

बिहार में पत्थर खनन को मिली मंजूरी, छह जिलों में शुरू होगी प्रक्रिया

झारखंड पर निर्भरता घटाने की तैयारी, रोजगार और राजस्व दोनों में होगी बढ़ोतरी

पटना:
बिहार सरकार ने झारखंड से पत्थरों की आपूर्ति पर निर्भरता कम करने के लिए राज्य में ही पत्थर खनन शुरू करने का निर्णय लिया है। खान एवं भूतत्व विभाग ने पहले चरण में राज्य के छह जिलों – बांका, गया, नवादा, शेखपुरा, औरंगाबाद और कैमूर – की पहाड़ियों को पत्थर खनन के लिए चिन्हित किया है। मुख्य सचिव ने इन जिलों के समाहर्ताओं से जिला सर्वेक्षण प्रतिवेदन मांगा है।

राजस्व और रोजगार दोनों को मिलेगा लाभ
बांका जिले के खनिज विकास पदाधिकारी कुमार रंजन के अनुसार, शंभूगंज अंचल की करीब 20 एकड़ में फैली पहाड़ी को खनन के लिए उपयुक्त पाया गया है। यदि अनुमति मिलती है, तो यहां से लगभग सात मिलियन टन पत्थर निकाला जा सकता है, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य में सिर्फ शेखपुरा और गया जिलों में स्टोन क्रशर की अनुमति है।

भागलपुर को रखा गया अलग
इस चरण में भागलपुर को खनन प्रक्रिया से अलग रखा गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, भागलपुर की पहाड़ियों में विशेष खनिज तत्व छिपे होने के संकेत मिले हैं, इसलिए वहां अभी खनन की अनुमति नहीं दी गई है।

2002 से पहले 13 जिलों में चलता था खनन
विभाग के जानकारों का कहना है कि वर्ष 2002 से पहले बिहार के 13 जिलों में पत्थर खदानों के लिए लीज दी गई थी। इनमें भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, रोहतास, शेखपुरा, मुंगेर, बेतिया, नालंदा और औरंगाबाद जैसे जिले शामिल थे। उस समय कुल 351 पट्टों के तहत 993 एकड़ भूमि पर खनन किया जाता था।

पर्यावरण सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने वर्ष 2021 में स्टोन क्रशर इकाइयों के संचालन के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए। इसमें धूल नियंत्रण हेतु 12 फीट ऊंची चारदीवारी और जल छिड़काव के लिए चारों ओर पाइपलाइन लगाना अनिवार्य किया गया।

निष्कर्ष:
बिहार सरकार का यह कदम राज्य की आर्थिक स्वावलंबन और निर्माण क्षेत्र को मजबूती देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा। अगर योजना सफल रही, तो आने वाले वर्षों में झारखंड पर निर्भरता काफी हद तक कम हो सकती है।

@ State Incharge Animesh Anand

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