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Chhattisgarh News ग्राम पंचायत नरियारा का 55 साल।

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़

 

छत्तीसगढ़ राज्य की जांजगीर चांपा जिले के अंतर्गत अकलतरा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत नरियारा आता है जहां पर की विकास के संबंध में अगर 10 साल का कार्यकाल को देखा जाए तो वह निम्न प्रकार से है।

सर्वप्रथम गांव की गली।

गांव की गली है मगर सीसी रोड का निर्माण नहीं है अगर निर्माण भी हुआ है तो कीचड़ से परिपूर्ण है क्योंकि उन गलियों में नाली नाम का चीज नहीं है घरों का पानी बरसात का पानी गली में बहता रहता है जिसकी वजह से सीसी रोड बनाम खेत बन गया है।

शैक्षणिक संस्था।

नरियारा में हाई स्कूल हायर सेकेंडरी स्कूल है जहां पर की पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की कमी बनी रहती है यहां जो भी शिक्षक ड्यूटी पर है आना-जाना करके ड्यूटी करते हैं साथ ही साथ स्कूलों में सार्वजनिक पुस्तकालय नहीं है।

सबसे बड़ी महत्वपूर्ण है बिजली खम्भे में स्ट्रीट लाइट नहीं है जितने भी पंच सरपंच हुए और 55 60 साल की विकास में देखा जाए तो स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है अगर स्ट्रीट लाइट के नाम से राशि आती है तो उसे आहरण करने के पश्चात बंदर बांट कर दिया जाता है यानी कि आहरण करने के बाद पंच सरपंच खा जाते हैं। जिसकी वजह से गली अंधेरा हो जाता है।

चारागाह की व्यवस्था नहीं।

नरियारा पंचायत //नगर पंचायत के अधीन में पशुओं को चारागाह की उपलब्धता बहुत ही कमी पड़ रही है क्योंकि अधिकांश पशु चारागाह में बेज़ा कब्जा कर रखे हैं जिसकी वजह से पशु आवारा घोषित हो जाते हैं क्योंकि अगर चारागाह की व्यवस्था रहती है तो पशु सड़कों पर नहीं आएंगे।

स्वास्थ्य सुविधा।
डॉक्टरों की व्यवस्था कर दी गई है मगर आयुर्वैदिक डॉक्टर अनुपस्थित रहते हैं हर हमेशा। इसलिए मरीज को भटकना पड़ता है।

बैंक सुविधा।

नरियारा में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा तो खुल गई है मगर भारतीय स्टेट बैंक संचालित हो रहा है किसी अन्यत्र गांव के जमीन के आधार पर।

हॉट बाजार।
हॉट बाजार लगती है जो की दिन शुक्रवार को मगर है बाजार के व्यापारियों को छावनी तक का सुविधा नहीं है भिगते हुए व्यापार करते हैं।

पेयजल व्यवस्था।

नल जल योजना के अंतर्गत पानी टंकी बना दी गई है मगर पानी की व्यवस्था नहीं की जा रही है जगह-जगह गड्ढे खोदने पर गली की सड़के बर्बाद हो रही है।
विकास कार्य नहीं हो रहा है जिसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
55 , 60 साल की अवधि में महाविद्यालय की व्यवस्था नहीं हुई है विडंबना या है कि 12वीं पास करने के पश्चात बिलासपुर जांजगीर कोरबा रायपुर के कॉलेज में एडमिशन लेकर पढ़ाई संचालित करना पड़ रहा है। ्ै

हमारे संवाददाता कहते हैं कि इस तरह से नरियारा ग्राम की कहानी है जो कि विकास नाम की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

और यहां तक के की विकास के नाम से राशि आती है जिसे कमीशन खोरी कर खत्म कर दी जाती है और विकास कार्यों के प्रति राशि का सदुपयोग नहीं किया जाता।

चाहे प्रधानमंत्री आवास हो चाहे शौचालय निर्माण हो चाहे किसी भी प्रकार की राशि आ जाती है विकास के नाम से जिस पर दलालों की भूमिका रहती है एवं दलाल सक्रिय होकर राशि को हड़प कर जाते हैं।

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