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गुजरात में सस्पेंशन ब्रिज टूटा, 60 लोगों की मौत:रेनोवेशन के बाद दिवाली के एक दिन बाद खुला था, PM ने जताया शोक

यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को आम लोगों के लिए खोला गया था।

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 7 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो गई है। यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। रेनोवेशन के बाद इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने CM भूपेंद्र पटेल से बातचीत कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। सीएम पटेल ने कहा- राहत और बचाव कार्य जारी है। घायलों के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।

 

कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
इधर, हादसे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। इसके अलावा दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने भी घटना को दुखद बताया।

140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।

 

ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।

 

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