Haryana News संघर्ष समिति ने धूमधाम से मनाई महर्षि वाल्मीकि जयंती

रिपोर्टर सतीश नारनौल हरियाण
नारनौल 28 अक्तूबर सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में महर्षि वाल्मीकि जयंती का आयोजन महेंद्रगढ़ रोड़ स्थित संघर्ष समिति कार्यालय में प्रधान चन्दन सिंह जालवान की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन कर धूमधाम से मनाई गई। जयंती समारोह का संचालन संघर्ष समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल द्वारा किया गया। सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों द्वारा महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर नमन किया गया। समिति के महासचिव बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि प्रत्येक वर्ष अश्विनी माह की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाती है। महर्षि वाल्मीकि के जन्म के विषय में कोई पुख्ता प्रमाण तो नहीं मिलते, परंतु कुछ मान्यताओं के अनुसार इनका जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षणी के यहां हुआ था। इसका नाम रत्नाकर था। इसके बाद ये रत्नाकर से महर्षि वाल्मीकि बन गए। मान्यता के अनुसार महर्षि वाल्मीकि जी लम्बे समय तक तपस्या में इतने मग्न थे कि उनके पूरे शरीर पर दीमक लग गई थी, लेकिन इसके बावजूद इन्होंने अपनी साधना पूरी की । इसके बाद ही उन्हें रामायण महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा मिली। इस अवसर पर अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व तहसीलदार लालाराम नाहर, सैनी सभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी, पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक जयपाल सिंह, एडवोकेट भीम सिंह दहिया, मास्टर सुमेर सिंह गोठवाल, सूबेदार रामभरोस भीम, अमरनाथ सिरोहा, रामचंद्र सैनी, प्रवीण प्रजापत आदि उपस्थित रहे।

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