Haryana News बहुजन संगठनों ने जताया रोष एससी-बीसी के आरक्षित राजपत्रित पदों में पूर्ण प्रतिनिधित्व ना देने पर बहुजन संगठन हुए एकजुट – सरकार की भेदभाव से ग्रस्त नीति पर जताया रोष

रिपोर्टर सतीश नारनौल हरियाण
हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा समय समय पर अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों के आरक्षित कोटे में प्रथम व द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पदों की भर्ती प्रक्रिया में भेदभाव कर नियमों की अवहेलना करने के मामले में बहुजन समाज के सभी संगठन महेंद्रगढ़ रोड़ स्थित संघर्ष समिति कार्यालय में सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान की अध्यक्षता में एकत्रित होकर रोष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन संघर्ष समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल द्वारा किया गया। बैठक में सरकार के इस भेदभावपूर्ण रवैए की घोर भर्त्सना की गई और सर्व सहमति से संयुक्त हस्ताक्षर कर पत्र की प्रतियां राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि को भेजकर इस मामले में जांच कमेटी गठित करने, जांच कमेटी की रिपोर्ट मिडिया के समक्ष सार्वजनिक करने और मामले में संलिप्त दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए सर्व समाज के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि गत 11 अक्टूबर को घोषित हरियाणा सिविल सेवा के अंतिम परिणाम में 61 पदों के चयन किया गया है जिसमें सामान्य वर्ग 44, अजा 06, पिछड़े वर्ग ए में 03 व बी में 01, आर्थिक पिछड़े वर्ग में 06 और ईएस एम में 01शामिल है। यह भर्ती प्रक्रिया सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में खाली पड़े 100 पदों को भरने के लिए की गई थी, लेकिन इसमें मात्र 61 पदों पर ही चयन सूची जारी की गई। बाकी पदों को क्यों खाली छोड़ा गया, इस सम्बन्ध में आयोग द्वारा कोई उल्लेख नहीं किया गया। यहां यह विडम्बना का ही विषय है कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित किए गए उक्त परिणाम में अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों को उनके हक अधिकारों को दरकिनार करते हुए पूर्ण प्रतिनिधित्व देने से वंचित रखा गया है। इसके अतिरिक्त गोठवाल ने यह भी बताया कि आयोग द्वारा भिन्न-भिन्न पदों का 29 अगस्त 2023 को क्रम संख्या 01 में सीनियर मैनेजर, 03 में मैनेजर व 05 में उप निदेशक के पदों के लिए घोषित परिणाम में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि ”हरियाणा एस में कोई भी योग्य उम्मीदवार नहीं है” । इस प्रकार आयोग द्वारा योग्य उम्मीदवार उपलब्ध होने के बावजूद भी पदों को खाली छोड़ दिया जाता है या कोई उम्मीदवार योग्य नहीं होने की टिप्पणी देकर खानापूर्ति कर ली जाती है। हालांकि ग्रुप ए व बी के पदोन्नति में आरक्षण का जो प्रावधान किया गया है, उसके लिए सभी सामाजिक संगठन सरकार के आभारी हैं, परंतु आयोग के इस भेदभावपूर्ण रवैए से बहुजन समाज में भारी रोष व्याप्त है। सर्व बहुजन समाज इसकी घोर भर्त्सना करता है।
सरकार के भेदभावपूर्ण रवैए के खिलाफ रोष प्रकट करने वालों में अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व तहसीलदार लालाराम नाहर, अखिल भारतीय प्रजापति सभा के संगठन सचिव किशनलाल लुहानीवाल, महर्षि वाल्मीकि सभा के प्रधान जोगेंद्र जैदिया, गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल, पूर्व जिला पार्षद एवं भील सेना के प्रधान विनोद यादव, सैनी सभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी, धानक समाज व संघर्ष समिति के प्रमुख सलाहकार शिवनारायण मोरवाल, रेडिमेड वस्त्र विक्रेता एसोसिएशन के प्रधान धर्मवीर यादव, खटीक सभा के सदस्य एवं संघर्ष समिति के खण्ड प्रधान पतराम खिंची, धानक समाज के पूर्व डीजीएम महेंद्र खन्ना, बार एसोसिएशन व संघर्ष समिति के कानूनी सलाहकार एडवोकेट भीम सिंह दहिया, भारतीय बंजारा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार, भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के हरि राम महारानियां, जयपाल सिंह व लालचंद पनवाल, जांगिड़ समाज के सुरेश कुमार, खण्ड नांगल चौधरी के प्रधान व पूर्व एसडीओ रोहताश बबेरवाल, संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व डीएफओ बीरसिंह गोठवाल, संघर्ष समिति के कोषाध्यक्ष प्यारेलाल चवन, पूर्व हेडमास्टर धर्मवीर कटारिया व हजारी लाल खटावला, हरियाणा चमार महासभा के रामचंद्र गोठवाल व गुगनराम सिरोहा, रामचंद्र सैनी, प्रवीण प्रजापति व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।