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Himachal Pradesh News शामलात भूमि मे भूमिहीन परवारों को मिले अधिकार

रिपोर्टर राजेंद्र सिंह रेणुका जी सिरमोर हिमाचल प्रदेश

दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर कमेटी ने जारी एक प्रेस ब्यान मे कहा की अभी समाचार पत्रों के हवाले से ये देखने मे आया है की संगड़ाह से एक महिला शामलात भूमि पर अपने अधिकार की मांग को के कर सगड़ाह से जिला मुख्यालय सिरमौर के लिए पैदल यात्रा अपने परिवार सहित कर रही है । दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा की हमारा मानना है की जो शामलात भूमि का मुद्दा उठाया जा रहा हम दलित शोषण मुक्ति मंच की तरफ से शामलात पर हर भूमिहीन को अधिकार मिले उसका समर्थन करते है शामलात भूमि 26 जनवरी 1950 के तहत वापस की जा रही है । परन्तु उसके बाद 1972 के तहत उनके लिए भी नोटिफिकेशन जारी हुई, दलित शोषण मुक्ति मंच का मानना है जो 1980 तक भूमि के अंतर्गत कानून बने है इसमे हर भुमि हीन् को हिस्सा मिले और सभी को भी हिस्सेदारी मिले। आशीष कुमार ने कहा की जिन वंचित परिवारों के पास भूमि नहीं है उन्हे 5 बीघा जमीन शामलात जमीन से दी जानी चाहिए थी। आशीष कुमार ने कहा की मे जो जमीन् के पट्टे लोगों को मिले है। यही जमीन 1974 मे सरकार को वापिस हो गई थी , परन्तु 2001 मे धूमल सरकार ने शामलात जमीन उन लोगों को वापिस कर दी जो 1972 से पहले मालिक थे जिस वजह से अनुसूचित जाति वर्ग के लोग जमीन मे भूमि से वँचित हो गये और आज लोगों को रहने की भी दिक्क़त आ रही है , लोगों को डरा धमका कर दुबरा दासता का जीवन जीने पर मजबूर किया जायेगा। दलित परिवारो का मुख्य व्यवसाय पशुपालन पर निर्भर है , जिस वजह से लोगों को चारे, पशु पालने के लिए समस्या आ रही है , लोगों को चारा भी खरीद कर हरियाना से लेना पड़ रहा है शामलत जमीन की माँग को लेकर कमलेश देवी ने यात्रा के समर्थन मे दलित शोषण मुक्तिनमंच सिरमौर, के संयोजक आशीष कुमार, बाल्मिमिकि सभा के वरिष्ठ सदस्य विजय चोरियां, भीम आर्मी से सुरेंदर धर्मा,शिशु धर्मा, दलित शोषण मुक्ति मंच पच्छाद के संयोजक बाबूराम शास्त्री जी मौजूद रहे !

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