
रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
जांजगीर चांपा के ग्राम पंचायत किरारी में शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित है जहां पर 20 कर्मचारी तैनात है मगर वहां आते हैं मात्र तीन चार स्टाफ ही आते हैं बाकी अप डाउन करके शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करते हैं जिससे परीक्षा परिणाम खराब रहता है प्राचार्य से जब जानकारी मांगी गई की आपके स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों में परीक्षा परिणाम कैसा रहा इस वर्ष का तो उन्होंने कहा कि हायर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की परीक्षा में 70 में से 6 विद्यार्थी ही प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं बाकी सब सेकंड डिवीजन आए हुए हैं थर्ड डिवीजन आए हुए हैं बाकी फेल है तो है यह जवाब मिला। शिक्षा की गुणवत्ता के नाम से विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा बैठक भी लिया गया था जिसके फल स्वरुप प्राचार्य द्वारा किसी भी जानकारी देने से पल्ला झाड़ दिया हमने यह पूछा कि क्यों इतनी परीक्षा परिणाम निराशा जनक क्यों है तो उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक अप डाउन करके ड्यूटी संचालन करते हैं जिसकी वजह से यह प्रभावित हुआ है विषम बना या है कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य शासन इतनी सारी खर्च कर रही है मगर कर्मचारी ही सही समय पर आकर शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित नहीं करते जिसकी वजह से परीक्षा परिणाम निराशाजनक रहती है। सर्वप्रथम यह बात रहती है कि वह में प्रार्थना के समय में सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहते हैं मगर यहां पर तीन-चार शिक्षक ही प्रार्थना पर उपस्थित रहते हैं प्राचार्य समेत बाकी शिक्षक आना-जाना करते हैं जिसकी वजह से कोई 12:00 बजे आता है तो कौन 11:00 बजे आता है प्रार्थना होने के बाद में जब ऐसी आलम है तो स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियां कैसे प्रभावित नहीं होगी इसकी असर विद्यार्थियों पर पड़ता है जिसकी वजह से परीक्षा परिणाम निराशाजनक ही रहती है। जबकि कार्यालय कलेक्टर के आदेश अनुसारअनुभागीय अधिकारी नायक तहसीलदार खंड से शिक्षा अधिकारी को हिदायत दी है कि प्रत्येक स्कूलों का निरीक्षण किया जाए शैक्षणिक गतिविधियां सही रूप से संचालित हो रही है कि नहीं मगर अधिकारी द्वारा करना पसंद नहीं करते कार्यालय में ही बैठकर समय काट देते हैं परीक्षा परिणाम प्रभावित होता है क्यों कि अगर जो शिक्षक समय पर आकर शैक्षणिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से संचालित नहीं करता उनका कोर्स अधूरा रह जाता है और वक्त पर परीक्षा की समय आ जाती है जिसकी वजह से कोर्स कंप्लीट नहीं हो पाता जिससे परीक्षा परिणाम भी निराशाजनक रहता है। हमारे दबंग केसरी संवाददाता एवं इंडियन क्राइम न्यूज़ रिपोर्टर का कहना यह है कि जब वह दौर में गया तो प्राचार्य से मुलाकात किया प्राचार्य को पूछा कि ऐसा क्यों होता है तो उन्होंने कहा कि मैं इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे सकता सर इसलिए की कार्य कर्मचारी अप डाउन करके कार्य कर रहे हैं जिसकी वजह से परीक्षा परिणाम पूर्ण रूप से निराशाजनक रहता है। कार्यालय कलेक्टर के आदेशानुसार 254 शिक्षकों का वेतन रोका गया है क्योंकि जिन संस्थाओं की परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं थी निराशाजनक थी जिसकी वजह से उन शिक्षकों का वेतन रोका गया है वेतन रोकने के पश्चात भी शिक्षक समय पर ड्यूटी नहीं करते हैं आना-जाना करके ड्यूटी करते हैं। वैसे जांजगीर चांपा जिले को शैक्षणिक जिला कहा गया है मगर यह शैक्षणिक जिला नहीं रह गया है या व्यावसायिक जिला बन गया है शैक्षणिक गतिविधि के चलते अधिकांश शिक्षक तो ट्यूशन करते हैं बच्चों से स्कूल में तो पढ़ते नहीं है बोलते हैं कि ट्यूशन पर आ जाना मैं वही सारी जानकारी बता दूंगा मगर स्कूलों में सही जानकारी नहीं बताते पूर्ण रूप से। बच्चों के भविष्य के साथ में खिलवाड़ कर रहे हैं शिक्षक ही कर रहे हैं तो विद्यार्थी कैसे पढ़ाई करेंगे क्योंकि इससे साफ जाहिर होता है कि शैक्षणिक जिला नहीं रह गया है या व्यावसायिक जिला बन गया है।