Chhattisgarh News आयुर्वेदिक हॉस्पिटल नरियारा की डॉक्टर समय से पहले नहीं आती।

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
जांजगीर चांपा अकलतरा विकासखंड के ग्राम पंचायत नरियारा के आयुर्वेदिक औषधालय में पदस्थ डॉक्टर समय से पहले नहीं आती जिससे मरीजों को बहुत परेशानी होता है एक महिला डॉक्टर है जो कि समय से पहले नहीं आती महिला मरीज खासतौर से गर्भवती महिलाएं चेकअप के लिए आती हैं तो पता चलता है कि डॉक्टर ही नहीं आई है जिसकी वजह से अधिकांश महिला मरीज बिलासपुर जांजगीर अकलतरा जाकर अपनी स्वास्थ्य परीक्षण कराती है जिससे काफी परेशानी होती है कभी कभार तो ऐसा ही स्थिति रहता है कि लाते ले जाते समय ही प्रसव हो जाता है।
हॉस्पिटल खुलने का समय रहता है 9:00 से मगर डॉक्टर आती है 11:12 बजे 1:00 बजे रहती है फिर उसके बाद में घर चली जाती है जिससे मरीज परेशान हो जाती है महिला मरीज खासतौर से अप डाउन की स्थिति के चलते महिला मरीज को बहुत परेशानी होती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है मगर वहां के डॉक्टर हमेशा समय पर उपस्थित हो जाते हैं और समय पर मरीजों का इलाज जारी रहता है अगर किसी भी प्रकार की विशेष परेशानी रहती है तो उन मरीजों को बिलासपुर जाजगीर अकलतरा भेजा जाता है इस स्थिति के अनुसार में तथा क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पुरुष डॉक्टर की उपस्थिति रहती है अधिकांश मरीज महिला डॉक्टर से ट्रीटमेंट करवाना चाहती है मगर महिला डॉक्टर ही समय से पहले नहीं आती है आती है मगर 1 घंटे रूकती है उसके बाद में चली जाती है क्योंकि उनका खुद का प्राइवेट क्लीनिक खोल रखा है अपने मूल निवास स्थल पर जिससे काफी परेशानी होती है मरीजों को।
मरीज अक्सर करके दुविधा में रहते हैं कि कब आएगी डॉक्टर कब हमारा इलाज होगा कब हम अपने घर को जाएंगे मगर विडंबना यह रहती है कि डॉक्टर आती है 12:00 बजे एक 1:30 बजे तक के रूकती है फिर उसके बाद में चली जाती है इससे काफी परेशानी हो रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर की अति आवश्यकता है इसकी पूर्ति के लिए राज्य शासन नहीं कर रही है जिससे महिला मरीज वापस चले जाते हैं क्योंकि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल की डॉक्टर समय से पहले नहीं आती है जिससे काफी परेशानी हो रही है। हमारे दबंग केसरी संवाददाता राकेश कुमार साहू का कहना यह है कि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल खुल तो गया है मगर यहां पर महिला डॉक्टर आती है समय से पहले चली जाती है जबकि 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक के आयुर्वेदिक हॉस्पिटल को खोलने का आदेश रहता है मगर 1:30 बजे डॉक्टर अपने घर को चली जाती है फिर उसके बाद में क्लीनिक चलाती है जिसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है डॉक्टर से मुलाकात करने पर उन्हें कहा गया कि आप समय पर आइए तो बोलती है कि हम तो समय पर आते हैं ऐसा है बोलकर पल्ला झाड़ देती है जिससे मरीजों को अकलतरा बिलासपुर जाना पड़ता है खासतौर से महिला मरीजों को। वैसे देखा जाए तो जितनी भी सरकारी विभाग में डॉक्टर कार्यरत हैं उनका खुद का स्वयं का क्लीनिक रहता है क्लीनिक में काम निपटा ते हैं फिर उसके बाद में स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी कार्य करने के लिए आती हैं समय बे समय डॉक्टर स्वयं की क्लीनिक में ज्यादा ध्यान देते हैं मगर हॉस्पिटल पर ध्यान बहुत कम देती हैं जिससे मरीज तड़प कर बाहर चले जाने को मजबूर हो जाती है।