Uttarakhand News पछवा दून का खनन माफिया प्रशासन के नियंत्रण से बाहर

रिपोर्टर जोगिंदर सिंह देहरादून उत्तराखण्ड
मामला है सहसपुर विधानसभा अंतर्गत कैंची वाला का जहां पर सरकार द्वारा स्टोन क्रेशर को चलाने की अनुमति दे दी गई है जिसके चलते खनन माफिया ने स्थानीय नदियों का अस्तित्व भारी जेसीबी एवं अच कम मशीनों से मिटाने के लिए कमर कस ली है यह नजारा है उक्त क्रेशर से चंद कदम की दूरी का जहां पर पूरी रात उक्त अवैध खनन से नदी मैं 15 से 20 फीट के गड्ढे अवैध कार्य से हो चुके हैं जिसमें पूरा ट्रक समा जाए तस्वीरों में देखा जा सकता है कि उक्त नदी से अवैध खनन कर बड़े-बड़े भंडारण उक्त स्टोन क्रशर प्लांटों में किए गए हैं जिससे सरकार को लाखों रुपए की चपत उक्त माफिया लगा रहे हैं इस सबके अलावा एक संवेदनशील प्रकरण और भी है आने वाली बरसात में जब गड्ढों में पानी भर जाएगा तो कोई भी जानवर या इंसान उक्त गड्ढों में गिरकर मर सकता है परंतु जिम्मेदार प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी की राह देख रहा है व अपनी जेब भर रहा है एक बड़ा सवाल यह है भी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने अवैध खनन को रोकने के लिए जो टीमें बनाई हैं उन्हें सिर्फ अपनी जेब गर्म करने से मतलब है सरकार या जनता के नुकसान से उन्हें कोई वास्ता नहीं जब ऐसी कोई टीमें अस्तित्व धरातल पर है ही नहीं तो उन्हें सरकार जनता से टैक्स के रूप में ली हुई राशि को तनख्वाह के रूप में क्यों बांट रहा है या तो यह बंदरबांट से या फिर यूं कहें कि मोटा हिस्सा सबको मिल रहा है जिसके चलते उक्त माफिया को संरक्षण प्राप्त है आखिर इतने बड़े बड़े गड्ढे उक्त खनन रोकने के टीम को क्यों नहीं दिखाई देते शायद टीम को बारिश का इंतजार है ताकि खनन माफियाओं की काली करतूत को छुपाया जा सके कहीं ना कहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का संरक्षण उक्त अवैध कार्य को प्राप्त है सिर्फ दिखावे के लिए रोजाना जिम्मेदार नए-नए स्लोगन बना रहे हैं भय भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड का सपना सिर्फ सपना बनकर रह गया पछवा दून अब माफियाओं की भेंट चढ़ चुका है जिसके चलते आए दिन क्षेत्र का माहौल खराब है जिसमें पूरी जिम्मेदारी कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार है ऐसा प्रतीत हो रहा है

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