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Maharashtra News समान अवसर केंद्र छात्र प्रगति का समर्थन करते हैं

रिपोर्टर अनय कांबले पुणे महाराष्ट्र

विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक अवसर हैं। इसलिए नियमित अध्ययन कर और भविष्य की संभावनाओं को पहचान कर आधुनिक तकनीक हासिल करनी चाहिए। इसके लिए अभिभावकों एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों का निरंतर मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है। प्रदेश के महाविद्यालयों में पिछड़े वर्ग के बालक-बालिकाओं को उद्यमिता व्यवसाय एवं रोजगार सृजन हेतु मार्गदर्शन के साथ-साथ छात्रवृत्ति, फ्रीशिप एवं अन्य योजनाओं एवं प्रतियोगी परीक्षा मार्गदर्शन प्रदान किया जायेगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए ‘समान अवसर केंद्र’ स्थापित किये जायेंगे। ज्ञान शक्ति , सूचना स्वतंत्रता है और शिक्षा हर परिवार और समाज की प्रगति का आधार है। आजकल विद्यार्थियों का सामान्य जीवन जटिल होता जा रहा है। बदलती परिस्थिति में विद्यार्थियों के जीवन को सही दिशा देने के लिए मार्गदर्शन महत्वपूर्ण हो जाता है। आज हम शिक्षा क्षेत्र में भी काफी बदलाव देख रहे हैं। नए पाठ्यक्रम, पेशे, विशेषज्ञता छात्रों के लिए अपनी समस्याओं का समाधान करना कठिन बना देते हैं। इसके लिए मार्गदर्शन नये मीडिया की खोज में सहायक होता है। समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति, मुफ्त-शिप और अन्य योजनाओं और प्रतिस्पर्धी के साथ-साथ उद्यमिता, व्यवसाय और रोजगार सृजन में पिछड़े वर्ग समुदायों के लड़कों और लड़कियों का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से एक ‘समान अवसर केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। परीक्षा। तदनुसार, प्रत्येक कॉलेज में कम से कम एक प्रोफेसर और सहायक के रूप में कुछ छात्रों की मदद से एक ‘समान अवसर केंद्र’ शुरू किया गया। विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास एवं रोजगार सृजन की दृष्टि से राज्य सरकार ने इस केंद्र के माध्यम से कदम उठाने का निर्णय लिया है. सरकार ‘समान अवसर केंद्र’ के माध्यम से छात्रों को आगे की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही उद्यमी या पेशेवर बनने के लिए कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यापक मार्गदर्शन भी मिलेगा।
सामाजिक न्याय विभाग की इस योजना का हर स्तर से स्वागत हो रहा है। इसका उद्देश्य उच्च माध्यमिक, जूनियर कॉलेज, सीनियर कॉलेज और अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों के सभी कॉलेजों में ‘समान अवसर केंद्र’ शुरू करना है। हालांकि वास्तविक कॉलेज नहीं खुले हैं, लेकिन हर कॉलेज में एक सेंटर बनाने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में सामाजिक न्याय विभाग को समन्वय अधिकारी नियुक्त कर व्हाट्सएप ग्रुप एवं सोशल मीडिया का उपयोग कर संबंधित महाविद्यालयों के पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये हैं। छात्र अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं, बजाय इसके कि दूसरे उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं।

समान अवसर केंद्र छात्र प्रगति का समर्थन करते हैं विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक अवसर हैं। इसलिए नियमित अध्ययन कर और भविष्य की संभावनाओं को पहचान कर आधुनिक तकनीक हासिल करनी चाहिए। इसके लिए अभिभावकों एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों का निरंतर मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है। प्रदेश के महाविद्यालयों में पिछड़े वर्ग के बालक-बालिकाओं को उद्यमिता व्यवसाय एवं रोजगार सृजन हेतु मार्गदर्शन के साथ-साथ छात्रवृत्ति, फ्रीशिप एवं अन्य योजनाओं एवं प्रतियोगी परीक्षा मार्गदर्शन प्रदान किया जायेगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए ‘समान अवसर केंद्र’ स्थापित किये जायेंगे। ज्ञान शक्ति है, जानकारी जानना और उस पर कार्य करना है, शिक्षकों को इसे महत्वपूर्ण मानना ​​चाहिए। बच्चों को यह एहसास कराना कि हम कुछ अलग हैं, मुझमें दूसरों की तुलना में कुछ विशेष गुण हैं, अन्य क्षेत्रों में बच्चों के प्रदर्शन पर बहुत प्रभाव डालता है। साथ ही, बच्चे अहंकारी होते हैं। इन सीमाओं को बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, चाहे व्यवहार बोल रहा हो, चाहे वह अहंकारी हो या नहीं। छात्रों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में बाधाएं, उनके कारण, निदान, उपचार मार्गदर्शन और उचित परामर्श ‘समान अवसर केंद्र’ के माध्यम से किया जा सकता है। मनुष्य एक अमूल्य संसाधन है। इस संसाधन की वृद्धि और विकास को संवेदनशील और विचारशील तरीके से करने की आवश्यकता है। उद्यमिता व्यवसाय एवं रोजगार सृजन के लिए वंचित बालक-बालिकाओं को आर्थिक न्याय हेतु मार्गदर्शन, छात्रों को आगे की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना, रोजगार प्राप्त करना अथवा उद्यमिता, व्यावसायिक, कौशल शिक्षा आदि महत्वाकांक्षी गतिविधियों को “समान अवसर केंद्र” के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। सरकार ने स्कूलों में कैरियर परामर्श की मौजूदा प्रणाली और वास्तव में मूल शिक्षा और सर्वोत्तम प्रथाओं को ध्यान में रखते हुए एक “समान अवसर केंद्र” स्थापित करने का निर्णय लिया है। व्यावसायिक शिक्षा को रहस्य से मुक्त करने और उसे महत्वाकांक्षी बनाने के लिए सभी हितधारकों द्वारा एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है। महाराष्ट्र के सभी जिलों में सभी उच्चतर माध्यमिक, जूनियर कॉलेजों, वरिष्ठ कॉलेजों, अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों और उनके अधिकार क्षेत्र के तहत सभी कॉलेजों में ‘समान अवसर केंद्र’ तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए प्रत्येक महाविद्यालय में एक सम-शापना केंद्र की स्थापना कर महाविद्यालयवार समन्वय अधिकारी की नियुक्ति की जाए, संबंधित महाविद्यालय के प्रवेशित पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए या अन्य सोशल मीडिया का उपयोग कर विद्यार्थियों को तदनुसार शिक्षा के अवसर प्रदान किए जाएं। उनकी क्षमता के अनुसार, ‘समान शापना केंद्र’ का उद्देश्य है।

 

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