Odisha News स्लग- जामकानी कोल माइनिंग अथॉरिटी की दादागिरी, चिंता में स्थानांतरित अधिवासी
रिपोटर पप्पु प्रसाद सिंह सुन्दरगड ओड़िशा
दशकों दशन्धी से अपनी बाप दादा के जमाने से बसने बाले लोग अपने हक क लिये तरस रहे हैं, बर्बाद कर रहे मासूमों की किस्मत अब कोयला खनन अधिकारियों और प्रशासन से बंधी हुई है। ओडिशा सुन्दरगढ़ जिले के हेमगिरी प्रखंड गोपालपुर को एशियाई महाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान के रूप में जाना जाता है।गांव हैं फिर इस जामकानी गांव सहित गिरीशमा, झारपलम, मेंद्रा, आदि गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया। फिर कानून के अनुसार भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापितों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए और खनन कार्य शुरू किया जाना चाहिए। लेकीन कोल माईन्स के अधीकारी ने लोगों को मुआबजे दिये बगैर पुलिस की मदद से जोर जबरन खनन कार्य आरम्भ किया। इसके विरोध में खनन क्षेत्र में विस्थापित हुए ग्रामीणों ने उचित मुआवजे की मांग करने का विचार रखा। प्रशासन द्वारा बार-बार त्रिपक्षीय चर्चा के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। दूसरी ओर, गांव के काफी नजदीक खनन का काम चल रहा था, ग्रामीणों का कहना था कि कोई समाधान नहीं निकला है.जमीन, घर, नौकरी जैसी.ग्रामीणों की शिकायत है कि खनन अधिकारियों ने मुआवजा देने में हमेशा लचर नीति का पालन किया है.