Madhya Pradesh News नर्मदा लाइन का लाभ ग्राम उपड़ी को नहीं देने को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन। पाइप लाइन का काम रोका तथा दी उग्र आंदोलन की चेतावनी।

रिपोर्टर आशिक अली उज्जैन मध्य प्रदेश
नर्मदा लाइन गांव उपड़ी के खेतों से होकर गुजरी है उसका शिलान्यास दिनांक 27 सितंबर 2018 को प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा तराना में किया गया था। इस परियोजना के लिए 1938 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी। इस परियोजना से शाजापुर नगर, मक्सी और इसके आस पास के 8 गांव के साथ उज्जैन जिले की घट्टिया तहसील के 7 और तराना तहसील के 55 गांवो को लाभान्वित करने की योजना है। अत्यंत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है की तराना तहसील के जिन 55 गांवों को नर्मदा जल से सिंचाई का लाभ मिलेगा उसमें हमारे गांव उपड़ी सहित हमारे आस पास के गांवों (खातीखेड़ी, बरखेड़ा कायथा, भटूनी, खजुरिया, मालखेड़ा, मजराखेड़ा, काठबड़ौदा आदि) को शामिल नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री महोदय द्वारा इसका शिलान्यास भी हमारे विधानसभा क्षेत्र में ही किया गया था। फिर भी हमारे गांव के साथ इस तरह का भेदभाव क्यों किया गया?
इसी विषय पर ग्राम उपड़ी के सैंकड़ों गणमान्य नागरिकों ने एकत्रित होकर कंपनी द्वारा किए जा रहे पाइप लाइन के कार्य को रोकते हुए सरकार से नर्मदा लाइन से पानी का लाभ देने की मांग की। ग्रामीणों ने सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ग्राम उपड़ी को उक्त योजना का लाभ नहीं दिया जाता है तो वे भविष्य में उग्र आंदोलन करेंगे तथा किसी भी हाल में गांव से लाइन नहीं निकलने देंगें। यदि मांग नहीं मानी गई तो आगामी विधानसभा के चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। नर्मदा लाइन से होने वाले भविष्य के लाभ के लिए खुशी खुशी अपनी जमीन देने वाले गांव के किसानों के साथ इस तरह की नाइंसाफी का जिम्मेदार कौन है? जब तराना के 55 गांवों के किसानों को नर्मदा जल से सिंचाई का लाभ मिल सकता है तो हमारे गांव से लाइन निकलने के बाद भी हमें इससे वंचित क्यों रखा गया? क्षेत्र में राजनीति करने वाले नेता और कार्यकर्ताओं को सिर्फ चुनाव के समय ही आमजन की याद आती है।