
रिपोर्टर रोशन कामती रांची झारखंड
राँची। झारखण्ड राज्य में गरमी चरम पर है। सुबह नौ बजे के बाद से तेज धूप और गर्म हवाओं का असर देखा जा रहा है। गरमी के साथ ही राज्य में बिजली की मांग भी काफी बढ़ गयी है। वहीं, आवश्यकता अनुसार बिजली की उपलब्धतता नहीं हो पा रही है। ऐसे में उर्जा विभाग एनर्जी एक्सचेंज से बिजली तो ले ही रहा है। वहीं, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में समय-समय पर लोड शेडिंग भी की जा रही है। राँची के कुछ इलाकों में लोड शेडिंग देखा जा रहा है। जो अलग अलग समय में किया जा रहा है। हालांकि झारखण्ड बिजली वितरण निगम की मानें तो इसके लिये पहले से निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसमें कहा गया है, कि बिजली की आपूर्ति सामान्य बनाए रखना है। वहीं, बगैर निर्देश के लोड शेडिंग से नहीं किया जायें।
2600 मेगावाट तक बढ़ी मांग
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की मानें तो राज्य में 2600 मेगावाट बिजली की मांग है। हालांकि दिन के समय ये मांग 2000 से 2200 मेगावाट रहती है। वहीं, बिजली की उपलब्धता 2300 मेगावाट तक है। ऐसे में तीन सौ मेगावाट तक की बिजली की कमी है। वहीं, पीक ऑवर के समय एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जा रही है। राज्य के अपने स्रोतों से भी बिजली उत्पादन हो रहा है। जिसके बाद राज्य के कुछ हिस्सों में लोड शेडिंग की जा रही है। जानकारी हो कि राज्य में टीटीपीएस से लगभग 250 मेगावाट बिजली, सिकिदरी हाईडल पावर प्लांट से 110 मेगावाट, इंलैंड पावर से लगभग 60 मेगावाट उत्पादन किया जाता है। वहीं, सेंट्रल पुल से लगभग 750 मेगावाट बिजली दी जाती है। एनर्जी एक्सचेंज प्रति दिन 100 यूनिट की खरीद है। वहीं, राज्य के सात जिलों में डीवीसी की ओर से बिजली आपूर्ति की जाती है।
ग्रामीण इलाकों में सकंट अधिक
यहां राज्य के ग्रामीण इलाकों में बिजली की संकट अधिक है। जहां, चार से पांच घंटे बिजली कटौती की जा रही है। हालांकि शहरी इलाकों मे बिजली संकट कम है। झारखण्ड बिजली वितरण निगम की मानें तो राज्य में बढ़ती गरर्मी के साथ बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है। हालांकि बिजली वितरण निगम की ओर से उपभोक्ताओं को बिजली बचत के लिये भी जागरूक किया जा रहा है। इस संबध में सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है।